यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने सरकारी खर्चों में कमी करने के लिये बड़ा निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के बजट प्रबंधन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसी क्रम में शासन ने वर्तमान वित्तीय साल में ऑफिसरों की एग्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास की हवाई यात्राओं पर रोक लगा दी है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि योगी सरकार ने यह कदम केन्द्र की नरेंद्र नरेन्द्र मोदी सरकार के स्तर से वित्त साल 2021-22 की दूसरी तिमाही में बजट आवंटन को सीमित किए जाने के बाद उठाया है. इसके साथ ही योगी सरकार ने नए वाहनों की खरीद पर रोक के साथ ऑफिस व्यय, यात्रा, ट्रांसफर यात्रा, अवकाश यात्रा सहित तमाम तरह के खर्चों में कमी लाने का फरमान सुनाया है. मुख्यमंत्री योगी ने ऐसी चल रही या नयी योजनाओं को अहमियत देने के ऑफिसरों को आदेश दिये हैं जो इसी वित्तीय साल में पूरी हो सकती हैं.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी (Rajendra Tiwari) ने बोला कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने वैश्विक महामारी कोविड-19 वायरस के चलते वित्त साल 2021-22 के द्वितीय तिमाही में कैश प्रबंधन को देखते हुए भिन्न-भिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के कुल खर्च को 20 फीसदी के अंदर सीमित किए जाने के प्रावधान किए हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार ने भी कोविड को रोकने संबंधी कार्यों और दूसरे आवश्यक कार्यों के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कैश मैनेजमेंट को लेकर से कई निर्णय किए हैं. उन्होंने बताा कि जो ऑफिसर हवाई यात्रा के लिए अधिकृत हैं, वे इकनॉमी क्लास में ही यात्रा कर सकेंगे. कैश मैनेजमेंट से जुड़े जारी आदेश सरकारी विभागों और कार्यालयों के साथ सभी लोकल निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, प्राधिकरणों और प्रदेश विश्वविद्यालयों पर भी लागू होंगे.
जरी हुए ये आदेश
– केन्द्र सरकार की सहायता से चल रही योजनाओं में केन्द्र के अंश की राशि संबंधित मंत्रालयों से सम्पर्क करके समय से प्राप्त करने के निर्देश.
– विभिन्न यात्राओं, कंप्यूटर रख-रखाव, स्टेशनरी खरीद, मुद्रण और प्रकाशन को लेकर मौजूद राशि के खर्च में कमी लाई जाए.
– पहले से चल रहे जो वाहन बेकार हो रहे हैं, उनकी स्थान पर न्यूनतम जरूरत का आकलन कर आवश्यकता के अनुसार आउटसोर्सिंग से वाहन अनुबंधित किए जाएं.
– सरकारी वाहनों के रखरखाव और ईंधन पर फिजूलखर्ची न हो.
– यात्राओं को आवश्यक और अपरिहार्य कार्यों की पूर्ति तक सीमित किया जाए. जहां तक संभव हो वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिये ही बैठकें हो.
– विभागों द्वारा प्रावधानित बजट के सापेक्ष आवश्यकतानुसार ही राशि निकाली जाए.
– वित्तीय अनुशासन और वित्तीय मितव्ययिता के लिए सभी आवश्यक और कारगर कदम उठाए जाएं.