ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में चीन के साथ सीमा मामले पर बहस की मांग की है। साथ ही उन्होंने बोला कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर कोई भी विधेयक गैरकानूनी होगा। उन्होंने मांग की कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गवर्नमेंट चीन पर व्यापक बहस कराए। ओवैसी ने गुरुवार रात हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा, चीन ने हमारी 2,000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है। हमने पहले भी मांग की थी कि एक विशेष सत्र बुलाया जाए। हम आशा करते हैं और पीएम नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि विशेष सत्र में चीन पर व्यापक बहस होगी। हमने देपसांग और डेमचोक में जमीन खो दी है।
उन्होंने दावा किया कि हम भारत-चीन सीमा पर 25 गश्त बिंदुओं पर गश्त करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि गवर्नमेंट विशेष सत्र में आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को भंग करे। उन्होंने कहा, रोहिणी आयोग (ओबीसी उप-वर्गीकरण पर) ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। विशेष संसद सत्र के संबंध में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि यह “असंभव” है।
उन्होंने कहा, यदि ऐसा कोई विधेयक आता है तो यह गैरकानूनी होगा। संघवाद संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है। राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। विधानसभाएं इसे पारित नहीं करेंगी। कोई भी विपक्ष शासित राज्य इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, गवर्नमेंट को संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखों की भी घोषणा करनी चाहिए।