कोरोना टीकाकरण अभियान के बीच वैक्सीन को लेकर नए-नए दावे सामने आ रहे हैं। अभी बिहार के एक 85 साल के बुजुर्ग ने दावा किया था कि वैक्सीन लगवाने से उसका पुराना घुटनों का दर्द सही हो गया।
इस बीच झारखंड के 55 वर्षीय दुलार चंद मुंडा ने भी वैक्सीन को लेकर एक दावा ठोक कर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हैरान कर दिया है।
दुलार चंद का दावा है कि वह पिछले एक साल से बिस्तर पर पड़े थे। यहां तक कि हिल-डुल भी नहीं पाते थे। लाखों की दवा कराई, लेकिन कोविशील्ड का एक खुराक लेते ही उनमें चमत्कारिक परिवर्तन हुआ और वह वैक्सीन लेने के तीसरे दिन ही अपने पैरों पर खड़े हो गए।
इलाज में बिक गई जमीन, मुफ्त की वैक्सीन ने किया कमाल
दुलार चंद मुंडा ने बताया कि चार साल पहले वह सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे। इसके तीन साल बार उनके शरीर की नसों में कई परेशानियां आ गईं। यहां तक कि बिस्तर से उठना भी मुश्किल हो गया। कई जगह इलाज कराया। लाखों फूंक दिए। जमीन बिक गई, लेकिन उनकी हालत जस की तस ही रही। दुलार चंद का दावा है कि उन्होंने छह जनवरी को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली थी। इसके बाद नौ जनवरी को वह उठ खड़े हुए और अपने पैरों पर चलने लगे।
रिसर्च का विषय बने दुलार चंद
दुलार चंद मुंडा के दावे ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। राज्य वैक्सीनेशन प्रभारी राकेश दयाल ने बताया कि जब तक यह नहीं पता चल जाता कि मुंडा को क्या बीमारी थी। उनका किस चीज का इलाज चल रहा था। वैक्सीन ने किस प्रकार रिएक्शन किया, इस विषय पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं है। हालांकि, उन्होंने बताया कि रिम्स के एक्सपर्ट इस मामले की जांच करेंगे।