नई दिल्ली। हालही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में हाइवे, एक्सप्रेस-वे को विस्तार देने की योजना का घोषणा किया हैं। हरिद्वार से वाराणसी तक एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। मेरठ से इलाहाबाद (प्रयागराज) तक बनने वाले एक्सप्रेसवे को अब हरिद्वार से वाराणसी तक बनाये जाने कि घोषणा किया गया है। प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा एक्सप्रेस वे को मेरठ से हरिद्वार और प्रयागराज से वाराणसी तक का प्रस्ताव तैयार का आदेश दिया है।
सबसे बड़े एक्सप्रेसवे की सूची में
हरिद्वार से वाराणसी तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे की सूची में होगा। योगी सरकार ने बुधवार को बैठक में इस प्रस्ताव पर तेजी से काम करने का आदेश दिया है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार से प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को एक्सपोर्ट हब बनाने की योजना है। बताते चले कि वाराणसी से मोदी को 2014 के चुनाव में संसद चुना गया। वाराणसी को प्रधानमंत्री ने गोद लिया है। और बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी को स्मार्ट सिटी बनाने कि योजना शुरू कर दी गई है।
दिसंबर 2021तक काम पूरा होगा, और 2022 में शहरवासियों को इनकी सौगात मिलेगी। आप को बताते चलें कि इन योजनाओं पर सरकार ने 1000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हरिद्वार से वाराणसी एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल को एनसीआर के साथ दिल्ली तक सड़क मार्ग से सीधा संपर्क स्थापित होगा। जिससे आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगा।
इसके साथ ही बुंदेलखंड के विकास के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे मानो वरदान साबित होने वाला है। ऐसे में बुंदेलखंड के पांच जिलों बांदा, हमीरपुर, जालौन, महोबा, चित्रकूट, जालौन संग औरैया और इटावा (सात जिलों) से होकर बनने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सिर्फ लंबे मार्ग से जाने वाले यात्रियों के लिए ही लाभकारी साबित होगा।