लोकसभा में आज नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ‘फायर’ मूड में दिखे। पीएम नरेंद्र मोदी के सामने उन्होंने संसद में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर इल्जाम लगाए। राहुल ने बोला कि लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच कुछ महीनों में ही राज्य में हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या के बराबर मतदाताओं की संख्या बढ़ गई थी।
उन्होंने बोला कि निर्वाचन आयोग को प्रदेश के विपक्षी दलों को मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े मौजूद कराने चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी बोला कि वह इल्जाम नहीं लगा रहे हैं, लेकिन आयोग को इस पर उत्तर देना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं इस सदन का ध्यान महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े कुछ डेटा की ओर खींचना चाहता हूं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच, हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या के बराबर लोगों को महाराष्ट्र की मतदान सूची में जोड़ा गया। लगभग 70 लाख नए वोटर अचानक आ गए।’
उन्होंने बोला कि महाराष्ट्र में जितने वोटर पांच वर्ष में नहीं जुड़े, उससे अधिक वोटर पांच महीने में जुड़ गए। राहुल गांधी ने दावा किया, ‘शिरडी की एक इमारत में 7,000 वोटर जोड़े गए…दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जुड़े जहां बीजेपी को बढ़त मिली।’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘मैं इल्जाम नहीं लगा रहा हूं बस यह कह रहा हूं कि निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र चुनाव का डेटा कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (एसपी) को मौजूद कराना चाहिए।’
इससे पहले कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (राकांपा) ने निर्वाचन आयोग से ‘मतदाताओं की संख्या’ में बढ़ोतरी को लेकर उत्तर मांगा था। कांग्रेस पार्टी ने पहले दावा किया था कि पांच महीने की अवधि में महाराष्ट्र में आश्चर्यजनक ढंग से 50 लाख से अधिक मतदाता बढ़ गए। निर्वाचन आयोग ने बीते दिसंबर में बोला था कि राज्य में मतदाताओं के नाम न तो मनमाने ढंग से जोड़े गए हैं और न ही हटाए गए हैं।