रावण के 10 सिर के 10 अर्थ हैं या ये कहें कि वे 10 बुराइयों के प्रतीक माने जाते हैं। पहला काम, दूसरा क्रोध, तीसरा लोभ, चौथा मोह, पांचवां मादा (गौरव), छठां ईर्ष्या, सातवां मन, आठवां ज्ञान, नौवां चित्त और दसवां अहंकार। ड्रग्स भी एक ऐसी है लत है जो हमारे युवाओं को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है। बीते कुछ दशकों में युवाओं द्वारा ड्रग्स लेने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। दशानन के दहन के साथ ही हमें इस बुराई को खत्म करने के लिए संकल्प लेना होगा।
ड्रग वार डिस्टॉर्सन और वर्डोमीटर की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में मादक पदार्थों का अवैध व्यापार सालाना लगभग 30 लाख करोड़ रुपए का है। वहीं नेशनल ड्रग डिपेंडेंट ट्रीटमेंट (एनडीडीटी), एम्स की वर्ष 2019 की रिपोर्ट बताती है कि अकेले भारत में ही लगभग 16 करोड़ लोग शराब का नशा करते हैं। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है।
यूं तो सरकार ड्रग्स के खात्मे के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है लेकिन यह जंग बड़ी है और आपसी साझेदारी, समझदारी से ही इसका अंत होगा। सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार नशामुक्त भारत अभियान सर्वाधिक असुरक्षित 272 जिलों में कार्यान्वियत किया जा रहा है जिसके अंतर्गत 8000 से अधिक स्वयंसेवी युवाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर सामुदायिक संपर्क किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत 80 लाख से अधिक लोगों से संपर्क किया गया है। सरकार द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक 2017 में देश भर में ड्रग्स के 63126 मामले दर्ज किए गए। 2018 में 62371 मामले दर्ज हुए तो 2019 में 71678 मामलों को दर्ज किया गया।
26 देशों के साथ समझौते
देश के भीतर ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए व्यवस्था चाकचौबंद करने के साथ सरकार दूसरे देशों में फैले तस्करों के रैकेट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कराने के प्रयास में भी जुटी है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इसके लिए 26 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते किए जा चुके हैं।