पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज देशभर में जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी है। साथ ही कहा कि कलाम ने भारत को मजबूत, समृद्ध और सक्षम बनाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह देश के लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। प्रधानमंत्री ने हिंदी में एक ट्वीट के माध्यम से कलाम को नमन किया।
कलाम ने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उन्हें राष्ट्रपति भवन के दरवाजे जनता के लिए खोलने का श्रेय भी दिया जाता है और उन्हें प्यार से “जनता का राष्ट्रपति” कहा जाने लगा। कलाम ने साल 2015 में दुनिया को अलविदा कह दिया।
देश के मिसाइल कार्यक्रमों के विकास में अपनी भूमिका के लिए उन्हें भारत का मिसाइल मैन कहा जाने लागा। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्री सहयोगियों महेंद्र नाथ पांडे और मुख्तार अब्बास नकवी को भी जन्मदिन की बधाई दी और सरकार में उनके काम की सराहना की।
आजादी के 75वें वर्ष में देश जब अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में भारत को स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डा. एपीजे कलाम को याद करना स्वाभाविक है। उनके नेतृत्व में देश अग्नि और पृथ्वी जैसी उन्नत मिसाइलों को स्वदेशी तकनीक से बनाने में सक्षम हो सका।
शिक्षक, प्रख्यात वैज्ञानिक, मिसाइल मैन, देश के राष्ट्रपति एवं भारत के ‘रत्न’ डा. एपीजे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि सपने देखो, सपने देखोगे, तभी वे सच होंगे। खुद को भी वह एक शिक्षक के रूप में याद किया जाना पसंद करते थे। युवाओं से उनकी विशेष अपेक्षाएं थीं कि वे कुछ अलग सोचें, नया करने, खोजने व आविष्कार करने का साहस रखें, अनजान राहों को परखें, यात्राएं करें, समस्याओं का समाधान निकालें। वे भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल विकास कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ता थे। इसी कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है। उन्होंने देश के महत्वपूर्ण संगठनों डीआरडीओ और इसरो को आगे बढ़ाने में प्रमुख जिम्मेदारी भी संभाली थी।