स्कूलों को खोले जाने को लेकर लंबे समय से इंतजार सोमवार को समाप्त हो गया। करीब आठ महीने बाद स्कूल खुलने पर बच्चों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। इसी के साथ कोरोना काल में ऑफलाइन पढ़ाई का भी श्री गणेश हो गया। अधिकांश स्कूल सुबह 8 बजे ही खुल गए। स्कूल खुलने के दौरान सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइंस का पालन गंभीरता से होता दिखा। स्कूल गेट पर बच्चों का टेंपरेचर चेक करके ही प्रवेश दिया गया। इसके अलावा हर बच्चे को अनिवार्य रूप से सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया। बिना मास्क के किसी भी बच्चे, स्टाफ व शिक्षक का प्रवेश स्कूल के अंदर प्रतिबंधित दिखा।
सीएमएस कानपुर रोड की प्रिंसिपल विनीता कामरान का कहना है कि सभी स्कूल में कोविड 19 को लेकर जारी एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन कराया जा रहा है। कक्षाएं सुबह 8बजे से 12 बजे तक संचालित की जाएंगी अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि सभी स्कूलों ने कोरोना से तैयारियों को लेकर अभिभावकों को भी आश्वस्त किया गया है।
स्कूलों की प्लानिंग:
एक क्लास में नहीं बैठेंगे 20 से अधिक बच्चे: पायनियर मांटेसरी स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिला सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कक्षाओं में शारीरिक दूरी के मानक का पालन कराया जा रहा है। अगर किसी क्लास में 40 विद्यार्थी हैं तो उसे 20-20 के दो सेक्शन में बांटा गया है। दोनो सेक्शन के छात्रों को अगल-अगल कमरे में बैठाया गया है। यानी अगर किसी क्लास में चार सेक्शन हैं तो उस क्लास में आठ सेक्शन बनाएं गए हैं, जिससे एक क्लास में 20 बच्चे ही बैठें। उन्होंने बताया कि अगर फिर भी छात्र संख्या अधिक रहती है तो उन बच्चों की आनलाइन क्लास भी संचालित कराई जा सकती हैं।
डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि स्कूलों को शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन करना होगा। किसी स्तर पर लापरवाही सामने नहीं आनी चाहिए।
दो घंटे की क्लास के बाद छूटे स्कूल: राजधानी लखनऊ में पहले दिन कक्षा नौ से 12 के बच्चों की सुबह आठ बजे से क्लास हुई। ट्रॉयल के तौर पर खोले गए स्कूल में पहले दिन काफी कम बच्चे आए। वहीं दो घंटे की क्लास के बाद बच्चों की छुट्टी कर दी गई। अधिकतर स्कूलों के गेट पर अभिभावक बच्चों को लेने के लिए खड़े रहे।