Dausa News: राजस्थान में कई सारे ऐसे रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनकी काफी मान्यता है। वहीं, कुछ ऐसे भी मंदिर हैं, जहां प्राकृतिक मूर्ति स्थापित है। इनकों लेकर लोगों द्वारा भिन्न-भिन्न दावे किए जाते हैं। इन्हीं में से एक मोरोली का बालाजी मंदिर है, जहां हर वर्ष बड़े आयोजन होते हैं। यह मंदिर दौसा जिले से 30 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर है।
बखर जडूले के लिए आते हैं लोग
इस मंदिर को लेकर लोगों के बीच मान्यता है कि जिस भी स्त्री को बच्चे नहीं होते हैं, वो महिलाएं यहां जरूर आती हैं और बालाजी महाराज की पूजा-पाठ करके नारियल चढ़ाकर अपनी मोनकामन मांगती हैं। फिर बालाजी महाराज अपना उन पर आशीर्वाद बरसाते हैं और उनकी झोली भर देते हैं। वहीं, जब बच्चा होता है, तो उनका पहला बखर जडूला भी यही आकर करवाया जाता है। इस मंदिर में शादीशुदा जोड़े भी बालाजी महाराज की पूजा करने आते हैं।
लोगों द्वारा बताई गई कहानी के अनुसार, काफी समय पहले से सुनते आ रहे हैं कि यह बालाजी महाराज की मूर्ति एक पत्थर को तोड़कर छोटे से आकर में निकली थी। वहीं, इसके बाद इसका आकार स्वयं से लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था भी जुड़ी हुई है। बालाजी का यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित है, जहां बाबा
मोरोली में बालाजी का मंदिर
दौसा जिले की सिकराय उपखंड क्षेत्र के मोरोली में बालाजी का मंदिर है। इस मंदिर में लगभग 800 वर्ष पहले से पूजा-पाठ हो रहा है। कहते हैं कि जिन भक्तों की इच्छा पूरी हो जाती है, वे लोगों भारी संख्या में यहां माथा टेकने आते हैं। इस मंदिर में होली और दशहरा के मौके पर मेला लगता है, जहां भारी संख्या में लोग आते हैं।