अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के पूरी तरह से काम संभालने के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते की समीक्षा की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि समझौते में दोनों ओर से क्या प्रतिबद्धताएं थीं और उनका अब तक कितना पालन किया गया। यह जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने दी। उन्होंने बताया कि समझौते की सभी शर्तो का अध्ययन किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि उनमे्ं से कितनी धरातल पर लागू हो चुकी हैं।
विदेश मंत्री ने बताया कि अमेरिका के नए प्रशासन ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्त विशेष दूत जालमे खलीलजाद से कहा है कि वह अफगान-तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता को जारी रखें। ज्ञात हो कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ शांति समझौता किया था। इस समझौते के तहत अमेरिकी सेनाओं को अफगानिस्तान से मई तक वापस लौटना है। सैनिकों के लौटने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है।
अब अमेरिका की मध्यस्थता से अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता चल रही है। यह वार्ता कतर की राजधानी दोहा में हो रही है। वार्ता का दूसरा दौर पांच जनवरी से शुरू हुआ है। फिलहाल अफगानिस्तान में हिंसा का दौर खत्म नहीं हुआ है। राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन का अफगान मामलों पर क्या रुख रहेगा, इस पर अफगान सरकार और तालिबान दोनों की ही नजर है।