गूगल कोरोना महामारी के बीच पचास ऐसे नए सॉफ्टवेयर लेकर आया है, जिनसे अध्यापकों और छात्रों दोनों को ही रिमोट लर्निग के माध्यम से वर्चुअल क्लासरूम को चलाने में और आसानी होने वाली है। इन सॉफ्टवेयर को बाजार में उतारते हुए गूगल के भारतीय मूल के सीइओ सुंदर पिचाई ने कहा कि कहीं से भी सीखने की जरूरत और पढ़ाने के काम का कोरोना महामारी के बाद भी अंत नहीं होगा।
यह बेहतरीन अवसर है कि यह सीखा जाए कि आगे क्या आने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी का उद्देश्य है कि पूरे विश्व की जानकारी को नियोजित किया जाए और यह हर जगह और हर एक व्यक्ति के लिए उपयोगी हो। गूगल के अनुसार एक करोड़ सत्तर लाख से ज्यादा छात्र और शिक्षक गूगल का उपयोग सीखने, संवाद करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
जून 2020 को एक करोड़ चालीस लाख लोगों ने शिक्षा के लिए जी सूट का इस्तेमाल किया। वर्तमान में गूगल क्लासरूम एक करोड़ पचास लाख छात्रों, शिक्षकों की सहायता कर रही है। गूगल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट लर्निग एंड एजूकेशन बेन गोम्स ने कहा कि तकनीक पढ़ाने और सीखने के लिए अधिक संसाधान उपलब्ध कराती है। इस तकनीक का कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है। इसमें यह सवाल नहीं है कि उसकी पृष्ठभूमि क्या है।