हिंदुस्तान (India) के विरूद्ध नई-नई चालें चलने वाला चाइना (China) अब उसकी सहायता की बात कर रहा है। चाइना का बोलना है कि वो कोविड-19 ( Covid-19 ) महामारी के मुश्किल दौर में हिंदुस्तान की हर संभव सहायता को तैयार है। नयी दिल्ली से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि वांग वेनबिन (Wang Wenbin) ने बोला कि COVID-19 महामारी पूरी इन्सानियत के लिए दुश्मन है, जिससे निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता और पारस्परिक सहायता की जरूरत है। उन्होंने आगे बोला कि इस मुश्किल समय में हम हिंदुस्तान की सहायता करने को तैयार हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि चाइना ने ही पूरी दुनिया को कोविड-19 संकट में धकेला है।
वांग वेनबिन ने बोला कि हमें हिंदुस्तान में बिगड़े दशा और चिकित्सा आपूर्ति (Medical Supplies) की अस्थायी कमी के बारे में पता चला है। महामारी को काबू करने के लिए चाइना हिंदुस्तान को हरसंभव सहायता प्रदान करने को तैयार है। वेनबिन ने आगे बोला कि हम सभी का लक्ष्य कोविड-19 को हराना है और उसके लिए हम अपने पड़ोसी की सहायता को तैयार हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि क्या बीजिंग ने सहायता के लिए नयी दिल्ली को आधिकारिक रूप से कोई पेशकश की है।
भारत में कोविड-19 की गति की बात करें, तो हर रोज रिकॉर्ड मुद्दे सामने आ रहे हैं। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटे में 3,14,835 नए केस दर्ज किए गए। यहां गौर करने वाली बात यह है कि दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में कोविड-19 वायरस संक्रमण के इतने मुद्दे सामने नहीं आए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में 2104 लोगों की मृत्यु भी हुई है। हिंदुस्तान में में अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और अमेरिका के बाद सबसे अधिक मामलों में वह दूसरे जगह पर आ गया है।
कोविड-19 वायरस की आरंभ वर्ष 2019 के अंत में चाइना के वुहान (Wuhan) शहर से ही हुई थी, जिसके बाद पूरी दुनिया में यह वायरस फैल गया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) आरंभ से ही चाइना को कोविड-19 के लिए दोषी मानते आए हैं। उन्होंने चाइना पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए थे और विश्व स्वास्थ्य संगठन से रिश्ता तोड़ लिया था। ट्रंप का बोलना था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चाइना के साथ मिला हुआ है। हालांकि, ट्रंप के इस दावे को कोई पूरी तरह से खारिज नहीं कर सका। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने कोविड-19 की जाँच के नाम पर चाइना में जो कुछ किया, उससे कहीं न कहीं ये संदेश गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चाइना को दोषी ठहराना नहीं चाहता।