बांग्लादेश की नवगठित अंतरिम गवर्नमेंट के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को राजधानी में ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अधिकार सभी धार्मिक समुदायों के लिए समान हैं और कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. यूनुस की टिप्पणी उस अशांति के मद्देनजर हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों पर बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि में आई है जिसके कारण शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा. अधिकार सभी के लिए समान हैं. हम सभी एक अधिकार वाले एक आदमी हैं. हमारे बीच कोई भेदभाव न करें. कृपया, हमारी सहायता करें. संयम रखें, और बाद में फैसला लें – हम क्या करने में सक्षम थे और क्या नहीं.
यदि हम असफल होते हैं, तो हमारी आलोचना करें. हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में, हमें मुस्लिम, हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं, बल्कि आदमी के रूप में देखा जाना चाहिए. हमारे अधिकार सुनिश्चित किये जायें. सभी समस्याओं की जड़ संस्थागत व्यवस्थाओं का खस्ताहाल होना है. 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता ने बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद और महानगर सर्बजनिन पूजा समिति के नेताओं के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन बोर्ड के ऑफिसरों और भक्तों के साथ शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया. उनके साथ कानून सलाहकार आसिफ नजरूल और धार्मिक मामलों के सलाहकार खालिद हुसैन भी थे. पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष बासुदेब धर ने यूनुस को पदभार ग्रहण करने पर शुभकामना दी और बोला कि मुख्य सलाहकार के साथ उनकी सौहार्दपूर्ण बैठक हुई.
सरकारी जॉब में आरक्षण को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बड़े पैमाने पर हमलों ने वैश्विक चिंता पैदा कर दी है. ढाका में समुदाय के नेताओं के अनुसार, कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई, स्त्रियों पर धावा किया गया और हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता बांग्लादेश में हुई अत्याचार में मारे गए. अंतरिम गवर्नमेंट के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को लिखे पत्र में दो हिंदू संगठनों द्वारा मौजूद कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर कम से कम 205 हमले हुए हैं, जब हसीना ने त्याग-पत्र दिया और राष्ट्र छोड़कर भाग गईं. बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध अत्याचार को लेकर 300 से अधिक भारतीय अमेरिकियों और बांग्लादेशी मूल के हिंदुओं ने रविवार को ह्यूस्टन के शुगर लैंड सिटी हॉल में विरोध प्रदर्शन किया.