नयी दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बनने के बाद अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार हुए लगभग सात सौ व सिखों को हिंदुस्तान लाने की तैयारी चल रही है। इन सिखों को कई जत्थों में हिंदुस्तान लाया जाएगा। बीते 26 जुलाई को 11 सिखों का पहला जत्था हिंदुस्तान आया था। उस समय हवाई अड्डे पर बीजेपी नेताओं ने पहुंचकर सभी का जमकर स्वागत किया था।
इन सिख परिवारों को दिल्ली में गुरुद्वारे में रुकवाया गया है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सभी के रहने का प्रबंध देख रही है। बीजेपी के सरदार आरपी सिंह ने शनिवार को बोला कि, “पहला जत्था आने के बाद अभी अफगानिस्तान से लगभग सात सौ व सिखों ने आने की ख़्वाहिश जाहिर की है। अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास ने ऐसे सिखों से लगातार सम्पर्क बना रखा है। सभी सिखों को भारत लाने की तैयारी है। अफगानिस्तान में रहने वाले इन अधिकांश सिखों के सगे-संबंधी तिलक नगर में रहते हैं। ऐसे में इनके रहने आदि का प्रबंध करने में कोई परेशानी आने वाली नहीं है। ”
सरदार आरपी सिंह ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के साहसिक निर्णय के कारण ही अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार सिख बंधुओं का आगमन मुमकिन हो सका है। यदि नागरिकता संशोधन कानून नहीं बनता तो फिर पड़ोसी मुल्कों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार, हिंदू, सिखों आदि को हिंदुस्तान में नागरिकता नहीं मिल पाती।