अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को अपने तीन यूरोपीय सहयोगी देशों-फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं के साथ ईरान समस्या पर बात की। ईरान के परमाणु हथियार बनाने लायक यूरेनियम परिष्कृत करने के प्रयास पर चिंता जताई। दुनिया के शक्तिशाली देशों के चारों नेताओं ने 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की इच्छा जताई है।
जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रोम पहुंचे बाइडन ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के साथ अलग से बैठक की। बातचीत में शामिल चारों देश ईरान के साथ परमाणु समझौते में शामिल हैं। इनके अतिरिक्त चीन और रूस भी समझौते में शामिल हैं। लेकिन दोनों देशों के नेता सम्मेलन में भाग लेने के लिए रोम नहीं आए हैं। ईरान पिछले एक साल से यूरेनियम को परमाणु हथियार बनाने लायक परिष्कृत करने की कोशिश में लगा है।
2015 का समझौता ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने और बाकी दुनिया के देशों से संबंध सामान्य करने के लिए किया गया था। बदले में ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाए गए थे और उसे परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण कार्यो के लिए इस्तेमाल करने में सहयोग दिया गया था। 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु समझौते से हट जाने और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा देने से यह समझौता अपना प्रभाव खो बैठा। इसके बाद ईरान ने परमाणु हथियार बनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए।
2021 में राष्ट्रपति बनने पर बाइडन ने परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने की इच्छा जताई। लेकिन ईरान ने शर्त रख दी कि पहले उस पर लगे प्रतिबंध हटाए जाएं, उसके बाद वह यूरेनियम के शोधन का स्तर कम करेगा और समझौते को स्वीकार करेगा। अमेरिका और ईरान के बीच इस मसले पर गतिरोध को दूर करने के लिए नवंबर में विएना में फिर से राजनयिकों की बैठक होगी। इस सिलसिले में होने वाली बैठकों में अमेरिकी अधिकारी भाग नहीं ले रहे हैं। अमेरिका की ओर से तीनों यूरोपीय देशों के राजनयिक ही ईरान से वार्ता कर रहे हैं।