रूस ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर एक अहम बैठक बुलाई है। 20 अक्टूबर को होने वाली ‘मास्को फार्मेट’ वार्ता में भाग लेने के लिए रूस ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को भी आमंत्रित किया है। रूस ने तालिबान के प्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित किया है। अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद यह पहली बैठक होगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार को कहा कि मास्को अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक की मेजबानी करने के ईरान के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यह बैठक तेहरान में आयोजित की जाने वाली है। एक दिन पहले रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बहुपक्षीय वार्ता के एजेंडे में संघर्ष के बाद के पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता सबसे ऊपर होगी।
अफगानिस्तान को लेकर ‘मास्को फार्मेट’ बैठक की 2017 में शुरुआत हुई थी। इसमें रूस, अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान, ईरान और भारत के प्रतिनिधियों शामिल हैं। इसका पहला चरण 14 अप्रैल, 2017 को हुआ और इसमें उप विदेश मंत्रियों और 11 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। रूस, अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान, ईरान, भारत, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान इसमें शामिल हुए थे।
भारत भी अफगानिस्तान को लेकर होने वाली इस बैठक में शामिल होगा। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार भारत को भी 20 अक्टूबर को होने वाली बैठक के लिए निमंत्रण मिला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता कि बैठक में कौन शामिल होगा, लेकिन इसकी संभावना है कि संयुक्त सचिव स्तर का कोई अधिकारी इसमें भाग लेगा।