राजनीतिक उठापटक का शिकार हुए बांग्लादेश की सहायता के लिए अब संयुक्त राज्य अमेरिका खुल कर सामने आ गया है. अमेरिका की तरफ से बांग्लादेश की आर्थिक और सामाजिक हालात में सुधार के लिए 202 मिलियन $ की अतिरिक्त सहायता राशि की घोषणा की गई है. शेख हसीना के सत्ता के हटने के बाद पहली बार बांग्लादेश पहुंचे अमेरिकी उच्च प्रतिनिधी मंडल ने अंतरिम गवर्नमेंट के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात करके इस सहायता की घोषणा की.
यूनुस ने पिछले सप्ताह ही अपने टेलीविजन पर दिए संबोधन में अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए 5 बिलियन $ की अंतर्राष्ट्रीय सहायता की अपील करते हुए बोला था कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था खराब दौर से गुजर रही है. यूक्रेन-रूस संघर्ष के बाद से ही ईंधन और खाद्य आयात में हुई वृद्धि के बाद से ही हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. बांग्लादेश पिछले वर्ष शेख हसीना के नेतृत्व में भी आईएमएफ से भी 4.7 बिलियन $ के बेल आउट पैकेज की मांग कर चुका है.
अमेरिका पहले भी 425 मिलियन की दे चुका है मदद
अमेरिकी प्रतिनिधी मंडल और अंतरिम गवर्नमेंट के बीच हुए इस समझौते में बोला गया है कि अमेरिका सुशासन, समाजिक मानवीय और आर्थिक अवसरों की बेहतरी के लिए 202 मिलियन $ का अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान करेगा. यह 2021 के उस समझौते के समान होगा, जिसमें अमेरिका ने 2021 से 2026 के बीच में कुल 954 मिलियन $ की सहायता का वादा किया था, इसमें से 425 मिलियन $ बांग्लादेश तक पहुंच चुके हैं.इस बैठक के बाद अमेरिकी दूतावास की तरफ से सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा गया कि हम इन्साफ संगत और बेहतर भविष्य के लिए बांग्लादेश का समर्थन करने की पूरी प्रयास कर रहें हैं. अंतरिम गवर्नमेंट की तरफ से राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए अमेरिकी समर्थन मांगा गया था इसके बाद प्रतिनिधी मंडल ने भी इन तकनीकी और वित्तीय सहायता की पेशकश करते हुए इन प्रयासों का समर्थन करने की ख़्वाहिश व्यक्त की थी.
प्रतिनिधी मंडल में डोनाल्ड लू भी हैं शामिल
बांग्लादेश पहुंचे अमेरिकी प्रतिनिधी मंडल में दक्षिण एशिया मामलों के सहायक सचिव डोनाल्ड लू भी शामिल थे, जो आज अपना हिंदुस्तान दौरा खत्म करके ढाका पहुंचे हैं. कई रिपोर्ट्स के अनुसार डोनाल्ड लू को तख्तापलट करवाने वाला बोला जाता है. पाक के पूर्व पीएम इमरान खान ने सीधा डोनाल्ड लू के ही ऊपर इल्जाम लगाया था. तख्ता पलट के कुछ ही दिन पहले शेख हसीना ने भी संबोधन में बोला था कि एक बड़ा पश्चिमी राष्ट्र हमसे एक द्वीप मांग रहा है नहीं तो हमारी गवर्नमेंट को नहीं चलने देने की धमकी दे रहा है. बांग्लादेश में जब हिंसक प्रदर्शनों के बाद हसीना गवर्नमेंट का तख्ता पलट हुआ तो कई रिपोर्ट्स में इसमें अमेरिका का हाथ कहा गया.