Vinesh Phogat : हिंदुस्तान की विनेश फोगाट ने स्त्रियों की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा में 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने के बाद सुनिश्चित ओलंपिक पदक गंवा दिया. यहां कहा गया है कि उन्हें अयोग्य घोषित करने के पीछे क्या कारण थे.
प्रश्न : पेरिस ओलंपिक से पहले विनेश फोगाट का मूल भार वर्ग क्या था?
उत्तर : विनेश ने हमेशा 53 किलोग्राम वर्ग में प्रतियोगिता की थी. इस बार आखिरी पंघाल ने इस वर्ग में क्वालीफाई किया और विनेश को 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए वजन कम करना पड़ा.
प्रश्न : किसी भी श्रेणी में स्वीकार्य वजन क्या है?
उत्तर : ओलंपिक, एशियाई खेल, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप के लिए किसी भी पहलवान को एक ग्राम की भी छूट नहीं मिलती है. रैंकिंग सीरीज और आमंत्रण स्पर्धाओं के लिए किसी को 2 किलोग्राम की रियायत मिलती है, जिसका मतलब है कि इन स्पर्धाओं में कोई भी पहलवान 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने पर भी मुकाबले के दिन 52 किलोग्राम का हो सकता है. दु:ख की बात है कि विनेश के लिए ओलंपिक नियम कठोर हैं.
प्रश्न : क्या विनेश को कभी अधिक वजन होने के कारण किसी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा से अयोग्य ठहराया गया है?
उत्तर : हां. 2016 रियो ओलंपिक से पहले उन्हें एक बार ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धा से 400 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराया गया था.
प्रश्न : ओलंपिक खेलों के दौरान वजन मापने के नियम क्या हैं?
उत्तर : ओलंपिक खेलों में प्रतियोगिता दो दिनों में आयोजित की जाती है और दोनों दिनों में प्रतिस्पर्धी पहलवानों को वजन जांच से गुजरना पड़ता है. प्रतियोगिता के पहले दिन पहलवान को अपना ‘सिंगलेट’ (कुश्ती परिधान) पहनना होता है और 30 मिनट की अवधि में कई बार अपना वजन मापना होता है. साथ ही मेडिकल जांच में उन्हें किसी भी संक्रामक रोग से मुक्त होना चाहिए, उनके नाखून कटे होने चाहिए.
स्वर्ण पदक, कांस्य पदक के प्ले-ऑफ और रेपेचेज मुकाबलों के लिए क्वालीफई करने वालों को दूसरे दिन फिर से वजन करने के लिए आना होता है, लेकिन दूसरे दिन प्रतियोगिता की सुबह वजन करने के लिए सिर्फ़ 15 मिनट का समय होता है. यहीं पर विनेश का वजन 50.1 किलोग्राम पाया गया. 15 मिनट की अवधि खत्म होने के बाद विनेश की पदक की उम्मीदें धराशायी हो गईं.
प्रश्न : यदि विनेश का वजन पहले दिन अनुमति की सीमा के भीतर था तो दूसरे दिन उनका वजन अधिक कैसे हो गया?
उत्तर : विनेश ने पहले दिन 6-6 मिनट के तीन मुकाबले खेले. 18 मिनट का मुकाबला किसी भी पहलवान को थका सकता है और उसे पर्याप्त मात्रा में पानी और पोषण की जरूरत होती है.
भारतीय दल के चिकित्सा प्रमुख डाक्टर दिनशॉ पारदीवाला के अनुसार प्रत्येक पहलवान कम श्रेणियों में लड़ने के लिए अपना वजन कम करता है. विनेश के मुद्दे में वे 53 किलोग्राम में ज्यादातर 55 से 56 किलोग्राम के वजन के साथ लड़ीं.
एक बार जब विनेश 50 किलोग्राम वर्ग में आ गईं तो उन्हें हर प्रतियोगिता से पहले कम से कम 6 किलोग्राम वजन कम करना पड़ा. अचानक वजन कम करना एक बहुत कठिन प्रक्रिया है. पहले दिन के बाद उन्होंने फिर से लगभग 1.5 किलोग्राम वजन बढ़ाया.
एक बार जब उन्होंने वजन कम किया, तो वे दिए गए समय में ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि यह समय बहुत कम था. अचानक वजन कम करने से कुछ गंभीर शारीरिक बीमारियां भी हो सकती हैं और चिकित्सक इसकी अनुमति नहीं देते हैं.
प्रश्न : यदि पहले दिन वजन होता है तो आपको दूसरे दिन वजन करने की जरूरत क्यों है?
उत्तर : ऐसा माना जाता है कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने डोपिंग के खतरे को रोकने के लिए ऐसा किया था जब उन्होंने 2018 में विश्व और महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए प्रतियोगिता प्रारूप को एक दिन से दो दिन में बदल दिया था. आमतौर पर एथलीट वजन घटाने वाले दिन वजन कम करते हैं और एक बार जब वे ठीक हो जाते हैं तो वे ऊर्जा और थोड़ा वजन हासिल करने के लिए स्वयं को ‘हाइड्रेट’ करते हैं और पोषण लेते हैं.
साथ ही एक दिवसीय स्पर्धा के लिए यह माना जाता था कि कुछ पहलवान मुकाबलों और दो दिवसीय स्पर्धा के बीच सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर रहे थे और दो बार वजन करना इसमें रुकावट डालने के लिए किया था.
प्रश्न : यदि विनेश चोट का हवाला देकर अपना नाम वापस ले लेतीं तो क्या वे अपना पदक बचा सकती थीं?
उत्तर : नहीं, वे फिर भी अयोग्य घोषित कर दी जातीं. ऐसा बोला जा रहा है कि उनकी टीम को उन्हें चोटिल घोषित कर देना चाहिए था और रजत पदक अपने पास रखना चाहिए था, लेकिन नियम उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देता.
नियम के मुताबिक यदि कोई पहलवान पहले दिन प्रतियोगिता के दौरान चोटिल हो जाता है तो उसे दूसरे दिन वजन कराने के लिए मौजूद होने की जरूरत नहीं है. हालांकि यदि कोई पहलवान पहले दिन प्रतियोगिता के बाद चोटिल हो जाता है या उसे कोई रोग या बुखार हो जाता है तो उसे वॉकओवर देने से पहले वजन कराने के लिए मौजूद होना होगा. विनेश पहले दिन प्रतियोगिता के दौरान चोटिल नहीं हुई थीं इसलिए उन्हें वजन कराने के लिए मौजूद होना पड़ा.
प्रश्न : क्या हिंदुस्तान इस फैसला के विरुद्ध अपील कर सकता है?
उत्तर: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने विनेश को रजत पदक देने पर विचार करने के लिए आईओसी को पत्र लिखा है. यहां तक कि छह बार के विश्व चैंपियन और 2012 लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता अमेरिका के जॉर्डन बरोज ने भी ऑफिसरों से विनेश को रजत पदक देने और दूसरे दिन रियायत देने का आग्रह किया है. लेकिन सेमीफाइनल में हारने वाली क्यूबा की युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को पहले ही फाइनल के लिए नामित किया जा चुका है. इसलिए फैसला को पलटा नहीं जाएगा.