पलवल। हरियाणा (Haryana) के नूंह में 31 जुलाई को हुई अत्याचार (Nuh Violence) के कारण जो यात्रा पूरी नहीं हो पाई थी, अब 28 अगस्त को उसे पूरा किया जाएगा। महापंचायत में इसका घोषणा किया गया है। हरियाणा के पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को एक महापंचायत का आयोजन किया। इसमें बोला गया है कि पंचायत में सभी लोगों ने फैसला लिया है कि सावन में हम लोग शिव को जल चढ़ाते हैं उस दिन वो अधूरा रह गया था। 3-4 पौराणिक स्थान उन सब में वो जलाभिषेक होना चाहिए। हिंदुस्तान का संविधान में हमें इसकी इजाजत देता है। उसकी कोई परमिशन नहीं होनी चाहिए।
नूंह जिले में अत्याचार की हालिया घटनाओं को देखते हुए क्षेत्रीय प्रशासन और पुलिस ऑफिसरों द्वारा क्षेत्र में कई प्रतिबंध लगाए गए थे। महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे हैं अरुण जैलदार ने बोला कि वहां लोग भाईचारे के तौर पर आगे वहां के जो लोग हैं। हम अमृत महोत्सव इंकार रहे हैं। एक गलती हो गयी लेकिन गवर्नमेंट अभी भी नहीं सीख रही है। सुरक्षा के जितने भी मापदंड हैं वो अपनाए जाएं। हम सबने मिलकर निर्णय किया है कि और अब हमारी मांग है कि अत्याचार की जांच प्रदेश गवर्नमेंट ना करके NIA करे। नूंह अत्याचार में मारे गए लोगों के परिवार को 1 करोड़ रुपए और सरकारी जॉब दी जाए। वहीं, सभी घायलों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
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अरुण जैलदार ने बोला कि नूंह, पलवल के गांवों के लोग सेल्फ डिफेंस में हथियार लें तो उनके लिए कानून में उदारता दिखाकर लाइसेंस प्रदान कराए जाएं। उन्होंने बोला कि RAF की एक बटालियन नूंह में स्थापित की जाए। नूंह के जिले का दर्जा वापस ले लिया जाए। उन्होंने बोला कि महापंचायत में लोगों ने अपनी-अपनी राय और सहमति जाहिर की, लेकिन इसमें कोई हेट स्पीच जैसी बात नहीं हुई। लोगों को पहले ही सारे रूल समझा दिए गए थे। अब यदि कोई हेट स्पीच जैसी बात कह रहा है तो उसे हमारी सहमति नहीं है। हम इस तरह की बातों में विश्वास नहीं रखते।