भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने का हवाला देते हुए केंद्र गवर्नमेंट को आनें वाले केंद्रीय बजट में किसी भी दिल्ली-विशिष्ट योजनाओं या पहल की घोषणा करने से परहेज करने का निर्देश दिया है. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होना है और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, गवर्नमेंट को यह सुनिश्चित करना होगा कि बजट में ऐसी कोई घोषणा या वित्तीय प्रावधान नहीं किए जाएं जो राष्ट्रीय राजधानी में मतदाताओं को प्रभावित कर सकें.
एमसीसी, जो चुनाव अधिसूचना की तारीख से लागू होता है, यह आदेश देता है कि सरकारें – केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर – ऐसे कार्यों से बचें जो चुनाव अवधि के दौरान किसी भी सियासी दल या उम्मीदवार को अनुचित फायदा दे सकते हैं. केंद्रीय बजट पारंपरिक रूप से 1 फरवरी को पेश किया जाता है और इस वर्ष का बजट दिल्ली चुनावों से काफी मेल खाता है. चुनाव आयोग का हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करता है कि बजट के प्रावधान तटस्थ रहें और विशेष रूप से दिल्ली के चुनाव को पूरा न करें. यह निर्देश स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के आयोग के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जहां कोई भी सत्तारूढ़ दल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सरकारी संसाधनों या नीतिगत घोषणाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
मतदान 5 फरवरी, 2025 को होगा, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे. चुनाव प्रक्रिया 23 फरवरी को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले, 10 फरवरी तक खत्म हो जाएगी.
प्रमुख चुनाव तारीखें
राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तिथि: 10 जनवरी
नामांकन की आखिरी तिथि: 17 जनवरी
नामांकन की जांच: 18 जनवरी
उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तिथि: 20 जनवरी
यह घोषणा नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की गई, जिसे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डाक्टर सुखबीर सिंह संधू ने संबोधित किया. ईसीआई ने सोमवार को दिल्ली के लिए एक नयी संशोधित मतदाता सूची भी जारी की, जिसमें मतदाताओं की संख्या में गौरतलब वृद्धि का पता चला. दिसंबर 2024 तक, दिल्ली में दर्ज़ मतदाताओं की कुल संख्या 1,55,24,858 है, जो अक्टूबर 2024 से 1,67,329 की वृद्धि है, जब मतदाता संख्या 1,53,57,529 थी.