Rahul Gandhi Attack on पीएम Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर धावा किया है। महाराष्ट्र के सांगली में एक सार्वजनिक रैली में बोलते हुए राहुल गांधी ने जमकर केंद्र गवर्नमेंट पर निशाना साधा। शिवाजी से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के माफी वाले बयान पर भी राहुल गांधी ने कटाक्ष किया है। राहुल गांधी ने बोला कि पीएम मोदी को न सिर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज से बल्कि नोटबंदी, किसान विरोधी विधेयकों और GST के लिए भी माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को 17वीं सदी के महान योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के उस अपमान के लिए महाराष्ट्र के प्रत्येक नागरिक से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी ने साधा केंद्र गवर्नमेंट पर निशाना
कांग्रेस नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी पार्टी के दिवंगत नेता पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का अनावरण के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। राहुल गांधी ने बोला कि महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना को लेकर राज्य की बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी गवर्नमेंट की आलोचना होने के बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने माफी मांगी थी। राहुल ने प्रश्न करते हुए बोला कि वो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछना चाहते हैं कि उन्होंने किस बात के लिए माफी मांगी है। क्या इसलिए कि शिवाजी की प्रतिमा बनाने का ठेका आरएसएस के एक ऐसे आदमी को दिया गया जिसके पास कोई पात्रता नहीं थी या इस प्रक्रिया में करप्शन के लिए।
अदाणी-अंबानी को ही क्यों दिए जाते हैं- राहुल
राहुल गांधी ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तर देना चाहिए कि सारे ठेके सिर्फ़ अदानी और अंबानी को ही क्यों दिए जाते हैं। वह सिर्फ़ दो व्यक्तियों के लिए गवर्नमेंट क्यों चला रहे हैं। राहुल गांधी ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान विरोधी कानूनों के लिए माफी नहीं मांगी है। जिन्हें बाद में विरोध के कारण वापस ले लिया गया था। न ही उन्होंने नोटबंदी और गलत GST के लिए माफी मांगी है। इस दौरान राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया कि पीएम मणिपुर नहीं गए। जो गृहयुद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। क्योंकि भारतीय भाजपा ने स्वयं पूर्वोत्तर राज्य को आग में झोंक दिया है।
सरकार संविधान समाप्त करना चाहती है- राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इल्जाम लगाते हुए बोला कि भाजपा चाहती है कि जातिगत संरचना वैसी ही बनी रहे, संविधान को समाप्त कर दिया जाए, निर्वाचन आयोग, शैक्षणिक संस्थानों, कानूनी प्रबंध और नौकरशाही पर कब्जा कर लिया जाए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए बोला कि इन संस्थानों में शामिल होने के लिए सिर्फ़ एक ही योग्यता होनी चाहिए कि आप आरएसएस से हों।जातिगत जनगणना की अपनी मांग को दोहराते हुए उन्होंने बोला कि इससे यह पता चल जाएगा कि विभिन्न सामाजिक स्तरों में कितने लोग हैं और राष्ट्र की संपत्ति और फैसला लेने में उनकी क्या हिस्सेदारी है। भाषा इनपुट से साभार