Vasundhara Raje News: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल देखने को मिल रही है। वसुंधरा राजे दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी हैं। उनके इस दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि भजनलाल गवर्नमेंट के एक वर्ष पूरे होने पर मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। भजनलाल गवर्नमेंट के मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं। आसार जताई जा रही है कि ये पद वसुंधरा राजे के समर्थकों को दिए जा सकते हैं।
वर्तमान में मंत्रिमंडल में सीएम सहित कुल 24 पदों पर मंत्री बैठे हुए हैं। जबकि नियम है कि कुल विधानसभा सदस्यों के अधिकतम 15 प्रतिशत सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। इस हिसाब से राजस्थान में 30 मंत्री हो सकते हैं। आने वाले दिनों में 6 और नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने की आसार है।
बीते वर्ष दिसंबर 2023 में गवर्नमेंट के गठन के बाद से बने मंत्री मंडल में राजे समर्थक विधायकों को स्थान नहीं दी गई थी। सीनियर होने के बावजूद कई वरिष्ठ विधायकों को पद नहीं दिया गया था। उन दिनों बड़ी वजह यही बताई जा रही थी कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व राजे को कमजोर करने में लगा है। लेकिन 2024 में अब राजे फिर से एक्टिव हो चुकी हैं। हाल ही में जयपुर में गवर्नमेंट की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में वसुंधरा राजे को खास स्थान दी गई। इस दौरान उन्होंने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। हाल में राजे दिल्ली दौरे पर रहीं। वहां पर भी उन्होंने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। ऐसे में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि आनें वाले दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में राजे समर्थक को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक नेताओं में उनके कार्यकाल में मंत्री रहे, कालीचरण सराफ, अनिता भदेल, श्रीचंद कृपलानी और पुष्पेंद्र सिंह राणावत का नाम लिस्ट में सबसे आगे चल रहा हैं। ये चारों नेता राजे के काफी करीबी हैं। ऐसे में सराफ, भदेल, कृपलानी और राणावत के मंत्री बनने की आशा सबसे अधिक है। इनके साथ ही विधायक जयदीप बियानी, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
प्रदेश बीजेपी के संगठन में भी बड़ा परिवर्तन हो सकता है। सीपी जोशी के बाद जुलाई 2024 में मदन राठौड़ को बीजेपी का नया प्रदेशाध्यक्ष घोषित किया गया था। नयी जिम्मेदारी के बाद भी राठौड़ अभी तक पुरानी टीम के साथ ही काम कर रहे हैं। उन्होंने सीपी जोशी की टीम में कोई परिवर्तन नहीं लाया है। ऐसा बताया जा रहा है कि प्रदेश संगठन में भी व्यापक परिवर्तन हो सकते हैं। राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।