महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले, केंद्र की मोदी गवर्नमेंट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (एनसीपी-एसपी) प्रमुख शरद पवार को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा देने का निर्णय किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन की समीक्षा के बाद ये निर्णय लिया गया है। समीक्षा के बाद 83 वर्षीय शरद पवार को सशस्त्र वीआईपी सुरक्षा कवर की उच्चतम श्रेणी की सिफारिश की गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को पवार की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बोला है।
इस काम के लिए 55 सशस्त्र सीआरपीएफ कर्मियों की एक टीम को नियुक्त किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षा के लिए जेड प्लस कवर दिया है, उन्होंने बोला कि सीआरपीएफ की एक टीम इस कार्य को संभालने के लिए पहले से ही महाराष्ट्र में है। बता दें कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन की समीक्षा में पवार को मजबूत सुरक्षा कवर देने की सिफारिश की गई है। सूत्रों ने बोला कि इसके बाद केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षा के लिए जेड प्लस कवर दिया है। इस सुरक्षा प्रबंध को लागू करने के लिए सीआरपीएफ की एक टीम पहले ही महाराष्ट्र आ चुकी है। वीआईपी सुरक्षा कवर को उच्चतम स्तर, Z+, उसके बाद Z, Y+, Y और X में वर्गीकृत किया गया है।
कब प्रारम्भ हुआ शरद पवार का सियासी सफर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक और अध्यक्ष शरद पवार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में अपनी सियासी यात्रा प्रारम्भ की। उसके बाद वह गवर्नमेंट में कई प्रमुख पदों पर रहे। उनका सियासी करियर 1967 में प्रारम्भ हुआ, जब वह पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई मंत्रालयों में मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 1978 में वह पहली बार महाराष्ट्र के सीएम बने वह अपने पूरे करियर में तीन बार (1978-80, 1983-91 और 1993-95) राज्य के सीएम रहे। इसके साथ ही वह छह बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव गवर्नमेंट में रक्षा मंत्रालय समेत कई पदों पर काम किया है। वर्ष 1999 में उन्हों कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, उसके बाद उन्होंने अपनी स्वयं की पार्टी एनसीपी का गठन किया|