नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राष्ट्र के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते हुए एक ऐसा बयान दिया जो विपक्ष को चुभ सकता है. शाह ने बोला कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्र के प्रति महान सहयोग को मिटाने और कम करके दिखाने के कोशिश किए गए तथा उन्हें लंबे समय तक हिंदुस्तान रत्न से वंचित रखा गया. भाजपा नेता ने पटेल की जयंती से पहले ‘रन फॉर यूनिटी’ दौड़ को हरी झंडी दिखाते हुए बोला कि यह राष्ट्र के प्रथम गृह मंत्री की दूरदर्शिता तथा सूझबूझ के कारण ही संभव हो सका कि 550 से अधिक रियासतों का हिंदुस्तान संघ में विलय हुआ और राष्ट्र एकजुट हुआ.
‘पीएम मोदी ने केवड़िया में पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की’
शाह ने बोला कि सरदार पटेल की कोशिशों का ही नतीजा था कि हैदराबाद, लक्षद्वीप, जूनागढ़ और अन्य सभी रियासतों का हिंदुस्तान में विलय हुआ. उन्होंने दिल्ली में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘लेकिन राष्ट्र के लिए सरदार पटेल के महान सहयोग को मिटाने और उन्हें कमतर दिखाने की कोशिशें की गईं. उन्हें हिंदुस्तान रत्न से भी लंबे समय तक वंचित रखा गया.’ शाह ने बोला कि पीएम नरेंद्र मोदी ने केवड़िया में पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की और उन्हें उचित सम्मान दिया.
निधन के 41 वर्ष बाद हिंदुस्तान रत्न से सम्मानित हुए थे सरदार पटेल
बता दें कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में गुजरात के केवड़िया में पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया था. उन्होंने 2013 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी. शाह ने बोला कि पटेल के दृष्टिकोण, विचारों और हर क्षेत्र में संदेश को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने मूर्त रूप दिया है. पटेल को 1950 में उनके मृत्यु के 41 वर्ष बाद 1991 में हिंदुस्तान रत्न से सम्मानित किया गया था. केंद्रीय गृह मंत्री ने बोला कि राष्ट्र के लोग अब एकजुट हैं और उन्होंने 2047 तक हिंदुस्तान को पूर्ण विकसित देश बनाने के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया है.
‘धनतेरस के शुभ अवसर पर हो रहा रन फॉर यूनिटी का आयोजन’
शाह ने कहा, ‘पीएम मोदी ने सभी देशवासियों के सामने 2047 तक पूर्ण विकसित हिंदुस्तान बनाने का संकल्प रखा है.’ उन्होंने बोला कि ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन आमतौर पर पटेल की जयंती यानी 31 अक्टूबर को किया जाता है, लेकिन इस वर्ष उस दिन दीपावली होने की वजह से इसे 2 दिन पहले आयोजित किया गया. शाह ने कहा, ‘आज धनतेरस के शुभ अवसर पर दौड़ का आयोजन कर रहे हैं.’ बता दें कि मोदी गवर्नमेंट 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाती आ रही है. सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था.