दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 चुनाव के लिहाज से घोंडा सीट कई मायनों में अहम हो जाती है,
क्योंकि यह उन आठ सीटों की फेहरिस्त में शुमार है, जिसमें गत विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था.
ऐसे में इस बार इस सीट पर मुकाबला कैसा रहता है? इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
इस सीट पर मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है.
बीजेपी जहां इस सीट पर अपनी जीत दोहराने के कोशिश में जुटी है. वहीं, दूसरी तरफ ‘आप’ ने इस बार यहां जीत का परचम लहराने के मकसद से एड़ी-चोटी का बल लगा दिया है.
ऐसे में इस बार यहां की जनता किस पर अपना भरोसा जताती है, ये तो फिलहाल आठ फरवरी यानी की दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 नतीजे के दिन ही साफ हो पाएगा.
वहीं, इस सीट की मौजूदा सियासी स्थिति को समझने की कोशिश करें, तो यहां अनेकों ऐसे मामले हैं,
जो आनें वाले दिनों में सियासी दिशा और हालात निर्धारित कर सकते हैं.
यहां की जनता रोड पर जाम, संकरी गलियां, टूटी-फूटी सड़कों, कब्ज़ा की समस्या, बाजारों में भीड़,
परिवहन व्यवस्था, जलापूर्ति की समस्या, जलभराव की परेशानी सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर परेशान है.
हालांकि, यहां जनता से संवाद स्थापित करने वाले सभी सियासी दलों के नेता सत्ता में आने पर सभी समस्याओं से निजात दिलाने का वादा कर रहे हैं.
उधर, यदि यहां की सियासी स्थिति को समझने की कोशिश करें,
तो इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जहां इस सीट पर गौरव शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं,
बीजेपी ने अजय महावर और कांग्रेस पार्टी ने भीष्म शर्मा पर भरोसा जताया है.

2020 के विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें, तो बीजेपी प्रत्याशी अजय महावर ने ‘आप’ के श्रीदत्त शर्मा को हार का मुंह दिखाया था. वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी भीष्म शर्मा तीसरे जगह पर खिसक गए थे.
उधर, यदि इस सीट की सियासी स्थिति की बात करें, तो यहां सभी सियासी दलों को जीत मिल चुकी है. यहां 1993 में बीजेपी के लाल बहादुर तिवारी ने जीत का परचम लहराया था.
1998 में कांग्रेस पार्टी के भीष्म शर्मा ने बीजेपी से यह सीट झटकर इसे अपने नाम कर लिया था. भीष्म ने 2003 में भी यहां जीत दर्ज की.
2008 में बीजेपी उम्मीदवार साहिब सिंह चौहान कड़े मुकाबले के बाद विधायक चुने गए थे.
वह महज 580 मतों के अंतर से चुनाव जीत चुके थे. 2013 में साहिब सिंह चौहान अपनी सीट बचाने में सफल रहे.
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के श्रीदत्त शर्मा यहां से जीत का परचम लहराकर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने बीजेपी के साहिब सिंह चौहान को पराजित किया.
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से खड़े हुए साहिब सिंह चौहान ने ‘आप’ के श्रीदत्त शर्मा को हार का मुंह दिखाया.
बता दें कि दिल्ली में चुनावी बिगुल बज चुका है.
दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान होंगे और नतीजों की घोषणा आठ फरवरी को होगी.