तेलंगाना (Telangana) की सरकार ने शनिवार को केंद्र द्वारा कृषि कानूनों की वापसी किए जाने पर खुशी जाहिर की। इसे किसानों के लिए जीत करार देते हुए केंद्र के समक्ष दो मांगे भी रखीं। दरअसल इन कानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों ने आंदोलन किया जिसमें कईयों की मौत हो गई। इन्हीं मृतक किसानों के परिवार के लिए सरकार से 25 लाख की आर्थिक सहायता की मांग के साथ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ पुलिस ने जो मामले दर्ज किए थे उन्हें वापस लेने की बात कही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की घोषणा के एक दिन बाद तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao) ने कहा कि राज्य सरकार कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के शोक संतप्त परिवारों को तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री राव ने कहा, ‘हम तेलंगाना सरकार की ओर से कृषि कानून विरोधी आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के शोक संतप्त परिवारों को तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेंगे।’ उन्होंने केंद्र सरकार से भी प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को अनुग्रह राशि प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम केंद्र से प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने का आग्रह करते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हम केंद्र सरकार से किसानों के खिलाफ (आंदोलन के दौरान) दर्ज मामलों को वापस लेने का भी आग्रह करते हैं। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुक्रवार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद आई है।
प्रदेश मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K. Chandrasekhar Rao) ने प्रत्येक 700 से अधिक किसानों के परिवारों के लिए 3 लाख रुपयेे की वित्तीय सहायता देने का एलान किया है। एक न्यूज कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र से प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख रुपये की मांग की। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के प्रमुख ने कहा कि मृतक किसानों के परिवार के देखभाल की जिम्मेदारी केंद्र की है क्योंकि सरकार की गलत नीतियों की वजह से इन किसानों की जान गई।
केंद्र द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को किसानों की बड़ी जीत बताते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों व उसकी सहायता करने वालों के खिलाफ पुलिस थाने में हजारों मामले दर्ज है और तो और इसमें देशद्रोह का भी केस है।