Kailash Gahlot : दिल्ली गवर्नमेंट के मंत्री पद और आम आदमी पार्टी (आप) से त्याग-पत्र देने के एक दिन बाद कैलाश गहलोत ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब प्रश्न उठता है कि इससे अरविंद केजरीवाल की पार्टी को कितना हानि उठाना होगा? वो भी ऐसे समय जब यहां अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। गहलोत ने भाजपा में शामिल होने के बाद साफ किया कि उन्होंने निर्णय रातों-रात नहीं लिया है। आप के इस दावे को खारिज करते हुए कि उन्होंने दबाव में पार्टी छोड़ने का खंडन भी किया।
दिल्ली के पूर्व मंत्री ने बोला कि मैं किसी दबाव के कारण भाजपा में शामिल नहीं हुआ, बल्कि इसलिए यह निर्णय लिया क्योंकि आप ने अपनी विचारधारा से समझौता कर लिया है। मैं प्रारम्भ में आम लोगों की सेवा करने के लिए पार्टी में शामिल हुआ था, लेकिन अब वह अपने मूल मिशन से भटक गई है। इसके नेता ‘आम’ से ‘खास’ में बदल गए हैं।
आम आदमी पार्टी के फाउंडर मेंबर में से एक रहे कैलाश गहलोत
आम आदमी पार्टी की आरंभ के दिनों से ही कैलाश गहलोत पार्टी और राजनीति से जुड़े। अरविंद केजरीवाल के करीबियों में से वे एक थे। गहलोत ने 2013 में पार्टी के साथ राजनीति में कदम रखा। पार्टी में शामिल होने के 2 वर्ष के अंदर वे दिल्ली गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री बने।
कौन हैं कैलाश गहलोत?
कैलाश गहलोत वर्तमान में, दिल्ली विधानसभा में नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का अगुवाई करते हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट में वे परिवहन और पर्यावरण मंत्री के पद पर रह चुके हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त करने वाले गहलोत के पास बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री है। 22 जुलाई 1974 को जन्मे गहलोत नजफगढ़ के मित्राउन गांव से आते हैं। गहलोत एक वकील हैं जो उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुकदमा देखते हैं। 2018 में, गहलोत आयकर जांच के दायरे में आए थे। कथित टैक्स चोरी के मुद्दे में उनसे जुड़े कई परिसरों की तलाशी ली गई थी।