नई दिल्लीः नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनरत किसान संगठनों का पैतरा दिन ब दिन बदलता जा रहा है। एक तरफ जहां किसान नेता राकेश टिकैत संसद के घेराव की बात कहकर सरकार के पेशानी पर बल डाल दिया हैं, वहीं सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दूध के दाम में बढ़ोत्तरी करने करने की बात कही है। बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। साथ ही पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में किसान संगठनों की तरफ से पंचायत व महापंचायत कर आंदोलन को और धार देने की तैयारी की जा रही है।
जानें क्या है सच्चाईः
केंद्र सरकार की तरफ से किसान बिल को पास किया हैं तभी से किसानों ने इस बिल के विरोध में उतर गए है। यह विरोध इताना बढ़ गया है कि बीते दिन एक किसान ने अपनी खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया, जिसके बाद से किसानों में इस आंदोलन को बढ़ाने के लिए हौसला और बढ़ गया। सिंघु बार्डर पर बैठे संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि एक मार्च से किसान दूध के दामों को बढ़ाने वाले हैं। अगर ऐसा होता है तो 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध दोगुनी कीमत यानी 100 रुपये लीटर हो जाएगा।
पदाधिकारी मलकीत सिंह ने क्या कहाः
सिंघु बार्डर पर बैठे संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी मलकीत सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों को चौतरफा घेरने की कोशिश में लगी हुई है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने इसका तोड़ निकलाते हुए दूध के दाम दोगुने करने का कड़ा फैसला ले लिया है। अगर सरकार अब भी न मानी तो आने वाले दिनों में आंदोलन को शांतिपूर्वक आगे बढ़ाते हुए हम सब्जियों के दामों में भी वृद्धि करेंगे।
जनता पर भार पड़ने पर क्या कहा:
मलकीत सिंह ने कहा कि अगर जनता 100 रुपये लीटर पेट्रोल ले सकती है तो फिर 100 रुपये लीटर दूध क्यों नहीं खरीद सकती। अब तक किसान एक लीटर दूध को नो प्राफिट, नो लॉस पर बेचता आया है। यह तो अभी शुरुआत होगी, अगर सरकार फिर भी कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम दोगुने किए जाएंगे।
इससे पहले किसानों की तरफ से खड़ी फसल को बर्बाद करने का सिलसिला शुरू किया गया था। इसके बाद से राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि हम सभी किसान भाई अपनी फसल को जला देंगे। जिसके बाद से एक किसान ने अपनी खड़ी गेंहू फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था। आपको बताते चलें कि किसानों ने कहा है जब तक मोदी सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसान ऐसे ही आंदोलन चलाते रहेंगे। और सभी किसान आने वाले समय में सब्जियों और दूध के दामों में बढ़ोत्तरी कर देंगे।