कोरोना महामारी की दूसरी लहर जहां दोगुना कहर बरपा रही है, वहीं जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दो डोज देकर अनमोल जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद भी जारी है। सरकारी मशीनरी से लेकर निजी स्वास्थ्य सेवाओं और आम लोगों की बढ़ती भागीदारी से टीकाकरण की मुहिम रंग लाने लगी है। इसमें लगातार तेजी आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार रात आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक टीकाकरण अभियान के 78वें दिन 13 लाख से अधिक टीके लगाए गए और इनकी संख्या करीब साढ़े सात करोड़ हो गई है।
नए मुकाम पर टीकाकरण अभियान
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में एक नई ऊंचाई हासिल कर ली है। रात आठ बजे तक मिली अस्थायी रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 7.44 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं।
78वें दिन 13 लाख से ज्यादा टीके लगाए गए
मंत्रालय के मुताबिक टीकाकरण अभियान के 78वें दिन 13 लाख से ज्यादा टीके लगाए गए। इनमें से 11.86 लाख लाभार्थियों को पहली डोज और 1.13 लाख को दूसरी डोज दी गई। पहली डोज लेने वालों में 45 साल से अधिक उम्र के 11.23 लाख लोग शामिल हैं।
पहली डोज लेने वाले 45 साल से ज्यादा के 4.57 करोड़ लोग
आंकड़ों के मुताबिक पहली डोज लेने वालों में 45 साल से अधिक उम्र के सबसे ज्यादा 4.57 करोड़ लोग शामिल हैं। इस आयु वर्ग के 7.65 लाख टीके की दूसरी डोज भी ले चुके हैं। जबकि, 89.53 लाख स्वास्थ्यकर्मी (पहली डोज), 53.06 लाख स्वास्थ्यकर्मी (दूसरी डोज), 96.19 लाख फ्रंटलाइन वर्कर (पहली डोज) और 40.18 लाख फ्रंटलाइन वर्कर (दूसरी डोज) भी टीका लगवा चुके हैं।
पहली अप्रैल से बढ़ी रफ्तार
सरकार ने पहली अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण के दायरे में ला दिया है। इसके बाद ही इस अभियान ने गति पकड़ी है। इससे पहले रोजाना 10-15 लाख के बीच टीके लगाए जा रहे थे, पहली अप्रैल के बाद यह संख्या बढ़कर औसत 30 लाख को पार कर गई है।
16 जनवरी को शुरू हुआ टीकाकरण
बता दें कि इस वैश्विक महामारी के खिलाफ देश में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने का काम शुरू किया गया, जिनमें डॉक्टर, नर्स और कोरोना का इलाज करने वाले अस्पताल से जुड़े अन्य स्टाफ के सदस्य शामिल थे।
धीरे-धीरे बढ़ता गया अभियान
टीकाकरण अभियान के दायरे को बढ़ाते हुए इसमें दो फरवरी को फ्रंटलाइन वर्कर को शामिल किया गया था, जिसमें पुलिस, नगर निगम और कोरोना मरीजों के सीधे संपर्क में आने वाले अन्य कर्मचारी शामिल थे। एक मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45-59 साल के आयु वर्ग के और सरकार द्वारा निर्धारित 20 में से किसी न किसी गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को शामिल किया गया था।