केंद्र सरकार (Central Government) ‘सुशासन सप्ताह’ (Good Governance Week) के तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जन शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए सोमवार को एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से 20-25 दिसंबर के दौरान मनाए जाने वाले ‘सुशासन सप्ताह’ के दौरान कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है.
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने कहा कि सुशासन प्रणालियों पर प्रदर्शनी के उद्घाटन के अलावा सोमवार को सार्वजनिक शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए ‘प्रशासन गांव की और’ नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू होगा. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सोमवार को ‘सुशासन सप्ताह’ के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. मंत्री सुशासन सप्ताह पोर्टल की शुरुआत करेंगे और डीएआरपीजी की दो साल की उपलब्धियों पर पुस्तिका का विमोचन करेंगे.
25 दिसंबर को होगा ‘सुशासन सप्ताह’ का समापन
‘सुशासन सप्ताह’ के दौरान केंद्र द्वारा की गई विभिन्न सुशासन पहलों को उजागर करने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है. अभियान का मुख्य विषय सुशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाना है. डीएआरपीजी ने कहा कि ‘सुशासन सप्ताह’ का समापन 25 दिसंबर को दिल्ली में विज्ञान भवन में ‘सुशासन दिवस’ के उत्सव के साथ होगा.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सुशासन सप्ताह’ की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा कि आजादी के अमृत काल में, हम विकास को सर्वांगीण और सर्व-समावेशी बनाने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली, कुशल प्रक्रिया और सुगम शासन का सृजन करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में ‘सुशासन सप्ताह’ की थीम ‘प्रशासन गांव की ओर’ काफी प्रासंगिक हो जाती है. हमारी सरकार ‘नागरिक पहले दृष्टिकोण’ द्वारा निर्देशित सुशासन को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो लोक केंद्रित हो और जहां सक्रिय शासन हो. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर 25 दिसंबर के दिन को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.