PSLV-C59 Proba-3 Mission Launch: अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हिंदुस्तान एक नयी उपलब्धि हासिल करने वाला है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पीएसएलवी-सी59 रॉकेट, यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के ‘प्रोबा-3’ स्पेसक्राफ्ट को लेकर उड़ान भरेगा। ISRO ने लॉन्च के लिए पहले 4 दिसंबर 2024 की शाम 4.08 बजे का समय तय किया था। लेकिन प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान में पाई गई विसंगति के कारण पीएसएलवी-सी59/प्रोबा-3 का लॉन्च 05 दिसंबर 16:12 बजे के लिए रीशेड्यूल किया गया। अब इसे गुरुवार को श्रीहरिकोटा स्थित नए लॉन्चपैड से लॉन्च किया जाएगा। PSLV-C59 पर सवार Proba-3 Mission की उड़ान का लाइव टेलीकास्ट ISRO के यूट्यूब चैनल पर देखने को मिलेगा।
ISRO ने लॉन्च को कल के लिए टाला
इसरो ने X पर एक पोस्ट में जानकारी दी, ‘प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान में पाई गई विसंगति के कारण पीएसएलवी-सी59/प्रोबा-3 का प्रक्षेपण कल 16:12 बजे पुनर्निर्धारित किया गया।‘
आंध्र प्रदेश: इसरो के वैज्ञानिकों ने पीएसएलवी सी59 रॉकेट लॉन्च से पहले तिरुमाला के श्रीवारी मंदिर में जाकर इसकी कामयाबी के लिए आशीर्वाद मांगा। टीम ने आज सुबह सुप्रभात सेवा में भाग लिया और शाम को लॉन्च की उल्टी गिनती प्रारम्भ होने से पहले मिशन के सफल होने की कामना की।
क्या है प्रोबा-3 मिशन?
Proba-3, ESA का सोलर मिशन है। इसके दो पूर्ववर्ती मिशनों- Proba-1 और Proba-2 को भी इसरो ने ही लॉन्च किया था। प्रोबा-3 के लॉन्च को ISRO ने ‘भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का एक गौरवशाली पत्थर’ कहा है। इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इण्डिया लिमिटेड (NSIL) ‘क्लाइंट’ वाहनों का लॉन्च करेगी। NSIL ने अपने नवीनतम प्रक्षेपण के लिए ईएसए से ‘ऑर्डर’ हासिल किया है, जो एक ‘प्रौद्योगिकी प्रदर्शन’ मिशन होगा।
मिशन का जरूरी उद्देश्य सटीकता से अपनी तरह के पहले ‘फॉर्मेशन फ्लाइंग’ (एक साथ कई उपग्रह/यान का प्रक्षेपण) को अंजाम देना है और सूर्य के बाहरी वायुमंडल का शोध करना है। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम प्रक्षेपण स्थल से होने वाले प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उल्टी गिनती की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। यह मंगलवार अपराह्न तीन बजकर आठ मिनट पर प्रारम्भ हुई जो बुधवार शाम चार बजकर आठ मिनट तक होगी।
अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने हालिया मिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘यह हिंदुस्तान की अंतरिक्ष यात्रा में मील का एक गौरवशाली पत्थर और वैश्विक साझेदारी का एक बहुत बढ़िया उदाहरण है।‘प्रोबा-3 (प्रोजेक्ट फॉर ऑन बोर्ड ऑटोनोमी) में दो उपग्रह शामिल हैं, जिसमें दो अंतरिक्ष यान एक साथ उड़ान भरेंगे तथा सूर्य के बाहरी वायुमंडल का शोध करने के लिए एक मिलीमीटर तक परफेक्ट संरचना बनाए रखेंगे।