प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपत्ति मालिकों को 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मोदी ने ये कार्ड बांटे है. इस योजना का उद्देश्य था कि ग्रामीण हिंदुस्तान में आर्थिक प्रगति को बढ़ाया जा सके. इसके अनुसार सर्वेक्षण के लिए ताजा ड्रोन तकनीक के जरिए गांवों में बसे हुए क्षेत्रों में घरों के मालिकाना अधिकार वाले परिवारों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान किया गया है.
स्वामित्व पहल ग्रामीण हिंदुस्तान को बदलने में जरूरी प्रगति कर रही है. इस पहल के तहत, गवर्नमेंट परफेक्ट संपत्ति स्वामित्व डेटा प्रदान कर रही है, जिसमें साफ स्वामित्व रिकॉर्ड हाथ में हैं, जिससे भूमि टकराव कम हो गए हैं. इस योजना ने हिंदुस्तान के ग्रामीण सशक्तीकरण और शासन यात्रा में एक मील का पत्थर साबित किया है. यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुविधाजनक बनाने में भी सहायता करती है और बैंक कर्ज के माध्यम से संस्थागत कर्ज को सक्षम बनाती है; संपत्ति से संबंधित विवादों को कम करती है; ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों और संपत्ति कर के बेहतर मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करती है और व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना को सक्षम बनाती है.
3.17 लाख से ज़्यादा गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जिसमें लक्षित गांवों का 92% हिस्सा शामिल है. अब तक 1.53 लाख से ज़्यादा गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ प्रॉपर्टी कार्ड तैयार किए जा चुके हैं. पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में यह योजना पूरी तरह से लागू हो चुकी है. मध्य प्रदेश, यूपी और छत्तीसगढ़ राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरे हो चुके हैं.
इस योजना की आरंभ 24 अप्रैल, 2020 (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) को पीएम मोदी ने की थी और इसका उद्देश्य ड्रोन और जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रामीण जनसंख्या क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करना था. Covid-19 महामारी द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद, पीएम ने 11 अक्टूबर, 2020 को वर्चुअली प्रॉपर्टी कार्ड का पहला सेट वितरित किया.