New Year Political Challenge: वर्ष 2025 में राष्ट्र की राजनीति में कई परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। इस वर्ष के आरंभ में ही दिल्ली का चुनाव होना है और वर्ष के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव होगा। इसके अतिरिक्त कई राज्यों में उपचुनाव भी होगा जिसपर सभी सियासी दलों की नजरें है। कुछ सियासी दलों के लिए ये वर्ष राजनीतिक तौर पर बहुत अहम होने वाले हैं।
बिहार और दिल्ली में विधानसभा चुनाव
इस वर्ष सबसे दिलचस्प मुकाबला दिल्ली और बिहार के विधानसभा में दिख सकता है। एक तरफ़ भाजपा दिल्ली के 28 वर्षों के राजनीतिक सूखे को समाप्त करना चाहेगी वही बिहार में इण्डिया गठबंधन गवर्नमेंट बनने के कोशिश में होगी। बिहार में मौजूदा समय में नीतीश कुमार और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की गवर्नमेंट है। इस बार दिल्ली के चुनाव पर देशभर की नज़रें टिकी हुई हैं। यहां आम आदमी पार्टी अपने नेताओं पर लगे करप्शन के आरोपों के बाद पहली बार चुनाव लड़ेगी और कोशिश में होगी की कैसे दिल्ली में अपनी पार्टी की गवर्नमेंट बना पाए।
कई राज्यों में होना है उपचुनाव(New Year Political Challenges)
इस वर्ष कई राज्यों में उपचुनाव भी देखने को मिलेगा। इन उपचुनाव में सबसे कड़ा मुकाबला उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर देखने को मिलेगा। यह वही सीट है जहां से विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने अयोध्या से लोकसभा का चुनाव जीता है। भाजपा कोशिश में होगी कि अयोध्या की हार का बदला मिल्कीपुर सीट को जीत पर ले। इसके अतिरिक्त जम्मू कश्मीर के बड़गाम सीट पर भी इसी वर्ष चुनाव होने वाला है। इस सीट पर उमर अब्दुल्ला को जीत मिली थी। वो जम्मू कश्मीर में दो सीटों पर चुनाव जीते थे लेकिन बड़गामा की सीट को छोड़ दिया था। इसके साथ ही केरला के देवीकुलम सीट पर भी उपचुनाव होगा साथ ही राष्ट्र के कई और सीटें हैं जहां चुनाव इस वर्ष हो सकते हैं।