नयी दिल्ली . केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बोला कि जीवाश्म ईंधन के आयात में कटौती किए बिना हिंदुस्तान प्रदूषण की परेशानी का निवारण नहीं कर सकता. टाइम्स ड्राइव ग्रीन कॉन्क्लेव एंड अवार्ड्स 2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने बोला कि आज जैव ईंधन अर्थव्यवस्था बहुत जरूरी है और हिंदुस्तान में यह अच्छी स्थिति में है. उन्होंने बोला कि राष्ट्र में 40 फीसदी वायु प्रदूषण परिवहन क्षेत्र के कारण होता है.
गडकरी ने कहा, ‘‘भारत में प्रदूषण एक बड़ी चिंता का विषय है।। जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी किए बिना हम राष्ट्र में प्रदूषण को कम नहीं कर सकते. परिवहन क्षेत्र में हमें जीवाश्म ईंधन का विकल्प तलाशने की आवश्यकता है… हमें सतत विकास मॉडल विकसित करने की आवश्यकता है.’’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने यह भी बोला कि हिंदुस्तान गेहूं, चावल और चीनी के अधिशेष उत्पादन के कारण कृषि क्षेत्र में समस्याओं का सामना कर रहा है. इस संदर्भ में उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट ने कृषि के ऊर्जा क्षेत्र में विविधीकरण लाने का फैसला लिया है.
आज पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में 400 परियोजनाएं हैं, जहां वे चावल के भूसे से बायो-सीएनजी बना रहे हैं. मंत्री ने बोला कि ज्यादातर मामलों में पंजाब और हरियाणा में चावल भूसी को जलाने की वजह से दिल्ली को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. गडकरी ने कहा कि हिंदुस्तान दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और पीएम नरेन्द्र मोदी का मिशन हिंदुस्तान को 5,000 अरब $ की अर्थव्यवस्था बनाना है. गडकरी ने बोला कि उनका सपना हिंदुस्तान के वाहन उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है.