नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़े मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के विरुद्ध सुनवाई का रास्ता शुक्रवार को साफ कर दिया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा इन मामलों में सुनवाई पर लगाई गई रोक हटा दी और राम रहीम से उत्तर दाखिल करने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने पंजाब गवर्नमेंट की याचिका पर यह निर्णय लिया और वह मुद्दे में चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को पलटने का निवेदन किया, जिसके अनुसार पंजाब के फरीदकोट के बाजाखाना पुलिस पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई गई थी। उच्चतम न्यायालय ने बोला कि तीनों मामलों में जांच की आवश्यकता है और राम रहीम को नोटिस जारी किया। फरवरी 2023 में उच्चतम न्यायालय इन मामलों में राम रहीम और उसके अनुयायियों के विरुद्ध मुकदमों की सुनवाई फरीदकोट की न्यायालय से चंडीगढ़ स्थानांतरित कर दी थी।
राम रहीम ने राज्य गवर्नमेंट की सितंबर 2018 की अधिसूचना की वैधता को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें राज्य गवर्नमेंट ने तीनों मामलों की जांच CBI से वापस ले ली थी। उच्च न्यायालय ने 11 मार्च, 2024 को कई प्रश्नों को निर्णय के लिए एक बड़ी पीठ के पास भेजा था।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बोला था कि ‘चूंकि, मामलों पर एक बड़ी पीठ विचार कर रही है, इसलिए न्यायसंगतता सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम निर्देश जारी करना उचित समझा जाता है। उन बेअदबी के मामलों में याचिकाकर्ता गुरमीत राम रहीम सिंह के विरुद्ध निचली न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक रहेगी।’