ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने एक नयी योजना का घोषणा किया है. यह योजना सड़कों पर हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस और खुफिया तंत्र को एक साथ लाएगी. पीएम की ओर से यह घोषणा तब की गई, जब उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के साउथपोर्ट शहर में हाल ही में तीन स्कूली छात्राओं की चाकू घोंपकर हत्या की गई, जिसके विरुद्ध राष्ट्र के कई हिस्सों में सड़कों में हिंसक प्रदर्शन हुए.
नया ‘नेशनल वायलेंट डिसऑर्डर प्रोग्राम’ अत्याचार और अशांति फैलाने वाले अपराधियों को रोकने के तैयार किया गया है. इस योजना के अनुसार खुफिया तंत्र भीड़ की गतिविधियों की जानकारी पुलिस के साथ साझा करेगा. इससे अधिकारी तुरन्त असर से अपराधियों को अरैस्ट करने के लिए कदम उठा सकेंगे.
दरअसल, इंग्लैंड के साउथपोर्ट में एक सामुदायिक केंद्र में एक शख्स ने चाकू से कई लोगों पर धावा किया. इस केंद्र में कई स्कूली बच्चियां डांस क्लास के आईं हुईं थीं. इस हमले में तीन बच्चियों की चाकू से घोंपकर मर्डर कर दी गई. इसके बाद लोगों ने देशभर की सड़कों पर प्रदर्शन किया. लंदन की डाउनिंग स्ट्रीट पर भी हिंसक प्रदर्शन हुआ.
प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग लगाई और पत्थर बोतलें फेंकी. वहीं, साउथपोर्ट में प्रदर्शन के दौरान लोगों ने एक मस्जिद पर भी धावा किया. पुलिस के मुताबिक, मस्जिद पर धावा इसलिए किया गया, क्योंकि सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहें थीं कि एक मुसलमान शरणार्थी नाव पर सवार होकर राष्ट्र में आया और उसने चाकू से धावा किया.
स्टार्मर ने गुरुवार को पुलिस प्रमुखों के साथ एक बैठक की. इसके बाद उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों को लेकर कहा, यह विरोध करने का तरीका नहीं है. यह अस्वीकार्य है. यह एक क्राइम और हिंसक विद्रोह है. कानून के शासन और इन्साफ के सिद्धांत पर धावा किया गया है.
लंकाशीर के एक गांव के निवासी एक्सल मुगनवा रुदाकुबाना (17 वर्षीय) पर गुरुवार को साउथपोर्ट में मर्डर के तीन मामलों, मर्डर के कोशिश के दस मामलों और चाकू रखने का इल्जाम लगाया गया. बाद में उसे अदालत में पेश किया गया था. कानून के मुताबिक, नाबालिग आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन न्यायाधीश एंड्रयू मेनेरी ने नाबालिग आरोपी के नाम पर कानूनी प्रतिबंध हटाया ताकि उसकी धार्मिक संबद्धता और आव्रजन की स्थिति पर सोशल मीडिया पर अफवाह न फैले.