नांदगांव सीट फिलहाल एकनाथ शिंदे की प्रतिनिधित्व वाले शिवसेना के पास है. सूत्रों के मुताबिक, यदि अजित पवार गुट से उनकी उम्मीदवारी नहीं बनती है तो वह शिवसेना के सुहास कांडे के विरुद्ध नांदगांव सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं.
महाराष्ट्र में आनें वाले विधानसभा चुनावों से पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट को बड़ा झटका लगा है. बड़े ओबीसी नेता छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल ने गुट के मुंबई अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र दे दिया है. समाचार है कि भुजबल आनें वाले विधानसभा चुनाव में नांदगांव निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, नांदगांव सीट फिलहाल एकनाथ शिंदे की प्रतिनिधित्व वाले शिवसेना के पास है. सूत्रों के मुताबिक, यदि अजित पवार गुट से उनकी उम्मीदवारी नहीं बनती है तो वह शिवसेना के सुहास कांडे के विरुद्ध नांदगांव सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं.
पहले उनके एनसीपी के शरद पवार गुट से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही था. हालांकि, अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का घोषणा कर दिया है. वहीं, पुणे जिले के मावल विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (राकांपा) द्वारा निवर्तमान विधायक सुनील शेलके को पार्टी से उम्मीदवार घोषित किए जाने के कुछ ही समय बाद बीजेपी (भाजपा) नेता और पूर्व राज्य मंत्री बाला भेगड़े ने पार्टी से त्याग-पत्र देने की घोषणा कर दी. राकांपा के राज्य उपाध्यक्ष बापूसाहेब भेगड़े ने भी बगावती तेवर दिखाते हुए बोला कि वह 20 नवंबर को होने वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
बाला भेगड़े ने पत्रकारों से बोला कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. समर्थकों ने उनसे बोला कि वे बापू भेगड़े का समर्थन करेंगे और शेल्के को हराने के लिए पूरी तरह से कोशिश करेंगे. मौजूदा विधायक शेलके ने 2019 में इस सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक बाला भेगड़े को हराया था. बापू भेगड़े ने बोला कि उन्हें अजित पवार की अगुआई वाली राकांपा से टिकट मिलने का भरोसा था, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय किया है क्योंकि पार्टी ने मुझे टिकट देने का आश्वासन दिया था.