इंफाल। मणिपुर में फिर से अत्याचार भड़क उठी है। राज्य में फिर से स्थिति फिर से तनावपूर्ण बनी हुई है। इसी मंगलवार 12 नवंबर को राज्य में सीआरपीएफ के जवानों और कुकी के उग्रवादियों के बीच एनकाउंटर हुई थी। इसमें 10 उग्रवादी मारे गए। यह घटना जिरीबाम जिले में हुई, जहां पुलिस के अनुसार, ये उग्रवादी एक पुलिस चौकी पर धावा करने की प्रयास कर रहे थे। ताजा अत्याचार के बाद एरिया में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं केंद्र गवर्नमेंट ने राज्य में शांति बहाल के लिए द्रुत गति से काम करना प्रारम्भ कर दिया है। गवर्नमेंट ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जांच सौंप दिया है।
मणिपुर में केंद्र गवर्नमेंट ने शांति बहाली के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है। गृह मंत्रालय की ओर जारी बयान में बोला गया है कि गवर्नमेंट राज्य में शाति बहाल करने की काम कर रही है। किसी भी प्रकार का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने कहा कि मणिपुर में हाल ही में घटना को देखते हुए 3 मुकदमा NIA को सौंपी गई हैं…।
1. मुकदमा – सीआरपीएफ (CRPF) और कुकी आतंकवादी मुठभेड़ मामला। मणिपुर (Manipur) के जिरीबाम में सुरक्षाबलों ने एक एनकाउंटर में 10 कुकी उग्रवादियों (Kuki Militants) को मार गिराया था।
2. 6 लोगो के किडनैप का मामला। (किडनैपिंग का अलग मुकदमा NIA को सौंपा गया है)
3. मणिपुर में फिर उग्र हुए उग्रवादी केस! जिरीबाम में 6 लोगों के किडनैपिंग के कुछ दिन बाद मिले मृतशरीर मिले।
मणिपुर में हाल में सुरक्षाबल के साथ एनकाउंटर को लेकर क्षेत्रीय आदिवासी संगठनों का अलग दावा है। उनका बोलना है कि मारे गए लोग गांव के स्वयंसेवक थे। वे अपने समुदाय की सुरक्षा कर रहे थे। हालांकि, कुकी समुदाय के 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं, लोगों ने विरोध में स्ट्राइक भी किया।
मणिपुर पिछले डेढ़ वर्ष से जातीय अत्याचार की चपेट में है, जो मुख्य रूप से मैतयी और कुकी समुदायों के बीच है। यह टकराव भूमि अधिकार और आरक्षण से संबंधित मुद्दों के कारण प्रारम्भ हुआ था, जिससे राज्य दो जातीय क्षेत्रों में बंट गया। एक मैतयी प्रभुत्व वाला घाटी क्षेत्र और दूसरा कुकी-प्रभुत्व वाला पहाड़ी क्षेत्र। अब तक इस संघर्ष में 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं।