पवन कल्याण ने बोला कि मुझे नहीं पता कि वाईवी सुब्बा रेड्डी और करुणाकर रेड्डी ने ईसाई धर्म अपना लिया है या नहीं. आपके शासन में, एक बोर्ड (टीटीडी) की स्थापना की गई थी, और आप इस प्रदूषण के लिए उत्तरदायी और जवाबदेह हैं.
आंध्र प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुमाला के लड्डू प्रसादम में कथित मिलावट को लेकर अपनी 11 दिवसीय ‘प्रायश्चित्त दीक्षा’ के हिस्से के रूप में कनक दुर्गा मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान किया. उन्होंने बोला कि आज प्रायश्चित्त दीक्षा का तीसरा दिन है. मैं बचपन से ही सनातन धर्म का पालन करता आया हूं. मैं श्री राम का भक्त हूं और हिंदू होने पर गर्व है. उन्होंने बोला कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान कनक दुर्गा मंदिर से तीन शेर (इंद्रकीलाद्री के ऊपर देवी कनक दुर्गा के रथ से जुड़े) लूट लिए गए थे. जब हमने उनसे प्रश्न किया तो हमें खामोशी मिली.
पवन कल्याण ने बोला कि मुझे नहीं पता कि वाईवी सुब्बा रेड्डी और करुणाकर रेड्डी ने ईसाई धर्म अपना लिया है या नहीं. आपके शासन में, एक बोर्ड (टीटीडी) की स्थापना की गई थी, और आप इस प्रदूषण के लिए उत्तरदायी और जवाबदेह हैं. रिपोर्ट मिलने के बाद ही हम ये प्रश्न उठा रहे हैं. उन्होंने बोला कि मैं पोन्नावोलु सुधाकर की टिप्पणियों की निंदा करता हूं. वह बहुत घमंडी है. मैं अदालती मुद्दे के लिए तैयार हूं क्योंकि आप एजीपी हैं. हिंदू धर्म की आलोचना न करें, वरना हम आपको जवाबदेह ठहराएंगे.
डिप्टी मुख्यमंत्री ने बोला कि आपकी हौसला कैसे हुई सूअर के मांस की मूल्य की तुलना शुद्ध घी से करने की? वाईवी सुब्बा रेड्डी, जांच की तैयारी करें. ईओ धर्मा रेड्डी फरार हैं. तिरुमाला एक धार्मिक स्थल से अधिक एक वित्तीय केंद्र बन गया है, ईओ धर्म रेड्डी ने आगम शास्त्र का पालन नहीं किया और अपने बेटे की मौत के 11 दिनों के भीतर मंदिर में प्रवेश किया. उन्होंने बोला कि यदि इस्लाम में भी ऐसी ही हरकतें की गईं तो क्या वे आपको छोड़ देंगे? आपको इस्लाम के सिद्धांतों से सीखना चाहिए. इस मामले पर वाईएसआरसीपी नेताओं ने क्या किया है? वे चुप क्यों हैं? उन्हें जरूरी रूप से रिज़ल्ट भुगतने होंगे.
जन सेना प्रमुख तिरुमाला मंदिर के लड्डू प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में पशु वसा की कथित उपस्थिति पर अपनी 11 दिवसीय ‘प्रायश्चित दीक्षा’ (तपस्या) के हिस्से के रूप में यहां कनक द्रुगा मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान के बाद मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे. पवन कल्याण ने ‘दीक्षा’ लेने और मिलावट के विरुद्ध बोलने के लिए उनकी आलोचना करने वालों पर प्रश्न उठाया. उन्होंने बोला कि मुझे क्यों नहीं कहना चाहिए? जब मेरे घर पर धावा हो तो क्या मुझे नहीं कहना चाहिए?