नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में जानवरों की चर्बी और मछली के ऑयल का इस्तेमाल होने की बात सामने आने के बाद पूरे राष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। इस मुद्दे को लेकर हर कोई प्रश्न उठा रहा है। इल्जाम लगाया जा रहा है कि प्रसाद में मिलावट कर हिंदुओं की आस्था से छेड़छाड़ की गई है। रिपोर्ट में जब इस बात का खुलासा हुआ, तो लोग दंग हैं कि आखिर ये आग लगी कहां से, कैसे पता चला कि लड्डू में चर्बी वाला घी मिलाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि ये मुद्दा कब और कैसे सामने आया।
जब भी आप किसी मंदिर में जाते हैं और प्रसाद खाते हैं, तो आप उसकी शुद्धता के बारे में सोचते होंगे। राष्ट्र भर के लाखों हिंदू स्वयं से यही प्रश्न पूछ रहे हैं कि तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई चौंकाने वाली घटना कैसे सामने आई। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिली है। यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षणों से लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में पशुओं की चर्बी मिले होने की पुष्टि हुई।
विवाद तब प्रारम्भ हुआ, जब आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) की एक रिपोर्ट के आधार पर चिंता जताई। इसमें बोला गया था कि मंदिर में इस्तेमाल किया जाने वाला घी शुद्ध नहीं है। जांच में पुष्टि हुई कि घी आपूर्तिकर्ताओं में से एक, एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड ने मंदिर को आपूर्ति किए जाने वाले घी में पशुओं की चर्बी मिलाई थी।
मंदिर को घी सप्लाई करने वाले निर्माता जब बाजार रेट से काफी कम मूल्य पर घी सप्लाई कर रहे थे, तब मंदिर संगठन से जुड़े लोगों को संदेह होने लगा। ऐसे में घी की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग उठने लगी। शक गहराने पर मंदिर को घी की आपूर्ति करने वाली सभी डेयरियों के घी की जांच कराई गई। बता दें कि प्रीमियर एग्री फूड्स, कृपाराम डेयरी, वैष्णवी, श्री पराग मिल्क और एआर डेयरी फूड तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी सप्लाई करते थे।
वहीं, इस घटना का असर पूरे हिंदुस्तान के अन्य मंदिरों पर भी पड़ा है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में अधिकारी अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। प्रशासन ने मंदिर में बनाए जाने वाले लड्डुओं की शुद्धता की जांच प्रारम्भ कर दी है। वाराणसी के एसडीएम (सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट) शंभू शरण सिंह ने स्वयं लड्डुओं को चखा और प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच करने का आदेश दिया।
आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। पिछले 300 वर्षों से मंदिर में आने वाले हिंदू भक्तों को खास ‘लड्डू’ प्रसाद के रूप में दिया जा रहा है और इस लड्डू को वर्ष 2014 में जीआई टैग भी मिल चुका है। इसका मतलब है कि तिरुपति तिरुमला के नाम का यह लड्डू केवल आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में ही मिल सकता है।