Bangladesh: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने बांग्लादेश की अंतरिम गवर्नमेंट के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की है। दोनों की ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा दी है। एलेक्स सोरोस, ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के अध्यक्ष हैं।
शेख हसीना शासन के पतन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने कार्यभार संभालने के कुछ सप्ताह बाद ही अक्टूबर में न्यूयॉर्क में सोरोस से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही संभावना जताई जा रही थी कि हसीना को सत्ता से बेदखल करने के पीछे एक टूलकिट गैंग काम कर रही है और दोनों के बीच तीन महीने बाद दूसरी मुलाकात हुई है।
ढाका में हुई इस बैठक के बारे में तफ्सील से जानकारी साझा करते हुए यूनुस ने बोला कि सोरोस और OSF चेयरमैन बिनैफर नौरोजी की अगुआई वाली डेलिगेशन ने अंतरिम गवर्नमेंट के साथ कई मुद्दों पर बात की और सुधार एजेंडे के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
यूनुस और सोरोस के बीच क्या बात हुई?
यूनुस के कार्यालय ने सोशल मीडिया पर साझा किया, ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के नेतृत्व ने बुधवार को मुख्य अंतरिम सलाहकार से मुलाकात कर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण, निकाली गई संपत्ति का पता लगाने, गलत सूचना से निपटने और जरूरी आर्थिक सुधार करने की कोशिशों पर चर्चा की।‘
सोरोस पर ये हैं आरोप
एलेक्स सोरोस ने हाल ही में हिलेरी क्लिंटन की पूर्व सहयोगी हुमा आबेदीन से सगाई की है। सोरोस के ओपन सोसाइडी फाउंडेशन पर पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका में शासन बदलाव को बढ़ावा देने का इल्जाम है और पिछले वर्ष अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटाने में भी उनपर इल्जाम है।
हंगरी में जन्मे अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस और उनका संगठन हाल ही में हिंदुस्तान में भी सुर्खियों में रहा है, जहां उनका नाम अडानी समूह से जुड़े विवादों से जुड़ा हुआ था, जिसमें इल्जाम लगाया गया कि सोरोस द्वारा फंडेड संगठन (ओसीसीआरपी) के इसके पीछे थे। इस कंपनी ने अडानी समूह पर अपनी कंपनियों में निवेश के लिए अपारदर्शी मॉरीशस-आधारित फंड का इस्तेमाल करने का इल्जाम लगाया था।
बीजेपी का आरोप
वहीं, हाल ही में भाजपा ने इल्जाम लगाया था कि कांग्रेस पार्टी नेता सोनिया गांधी के ऐसे संगठनों से संबंध हैं। कथित तौर पर सरकारी नीतियों की आलोचना करने वाले समूहों का समर्थन करने के लिए ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन की गतिविधियां हिंदुस्तान में भी नज़र के दायरे में रही हैं।