ओमान के राबकूट सैन्य ट्रेनिंग एरिया में चल रहे भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अल-नजाह V 2024’ इन दिनों जोरों पर है। यह अभ्यास 13 सितंबर को प्रारम्भ हुआ था और 26 सितंबर तक जारी रहेगा। इंडियन आर्मी के 60 जवानों का दल, जिसमें मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एक बटालियन और अन्य सेवाओं के जवान शामिल हैं, इस अभ्यास का अगुवाई कर रहे हैं। प्रारंभिक दिनों में, दोनों सेनाओं के जवानों को आधुनिक युद्धक्षेत्र के नवीनतम रुझानों को ध्यान में रखते हुए कॉम्बैट फर्स्ट एड, घायलों की निकासी, हथियार संचालन और एंटी-ड्रोन ड्रिल्स पर प्रशिक्षण दिया गया।
इसके अतिरिक्त असॉल्ट राइफल, स्नाइपर, पिस्टल और एलएमजी की फायरिंग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उद्देश्य असली ऑपरेशनों में इन हथियारों के इस्तेमाल को सटीकता और त्वरित प्रतिक्रिया के साथ प्रशिक्षित करना था। इस दौरान, दोनों राष्ट्रों के सैनिकों ने मुकदमा स्टडीज के माध्यम से एक-दूसरे के साथ मूल्यवान युद्ध अनुभव साझा किए। भारतीय और ओमानी सेना के इंजीनियरों ने फील्ड इंजीनियरिंग के जरूरी कार्यों पर योगदान किया, जो असली समय के युद्ध स्थितियों में अहम किरदार निभाते हैं।
दोनों दलों ने फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज में लिया हिस्सा
दोनों दलों ने फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज में हिस्सा लिया, जिसमें असली युद्ध स्थितियों और युद्ध कौशलों के व्यावहारिक प्रयोग पर बल दिया गया। इस दौरान, शहरी क्षेत्रों की सफाई, घायलों की निकासी, बंधक बचाव, और युद्ध क्षेत्र में आपूर्ति एवं गोला-बारूद की भरपाई जैसे जटिल परिदृश्यों में जवाबी रणनीतियों को बेहतर किया गया।
अभ्यासों के दौरान सांस्कृतिक आदान प्रदान भी किया गया
सामरिक अभ्यासों के साथ-साथ, ‘अल-नजाह V’ ने दोनों सेनाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी अवसर प्रदान किया, जो आपसी संबंधों को मजबूत बनाने में जरूरी किरदार निभाता है। यह अभ्यास एक भव्य लाइव-फायर डेमोंस्ट्रेशन के साथ खत्म होगा, जो शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त देश के जनादेश के अनुरूप दोनों सेनाओं के बीच विकसित समन्वय को प्रदर्शित करेगा।