चंडीगढ़ मेयर चुनाव 30 जनवरी को होना है. चंडीगढ़ प्रशासन ने पहले 24 जनवरी को चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका लगाकर बोला था कि पिछले चुनाव 30 जनवरी को हुए थे और इनमें गड़बड़ी के कारण उन्होंने 20 फरवरी को यह पद संभाला था. इस वजह से चुनाव देरी से होने चाहिए ताकि उन्हें एक वर्ष तक काम करने का मौका मिले. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने बोला था कि चंडीगढ़ चुनाव 29 जनवरी के बाद होंगे. ऐसे में चुनाव के लिए 30 जनवरी का दिन तय किया गया है. न्यायालय ने पाया कि वैसे महापौर चुनाव पिछले वर्ष 30 जनवरी को हुए थे, इसलिए महापौर का कार्यकाल 29 जनवरी तक होगा.
चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बढ़ा झटका लगा है. पार्षद गुरबख्श रावत भाजपा में शामिल हो गई हैं. सोमवार (27 जनवरी) को उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी की सदस्यता ली. गुरबख्श रावत के पाला बदलने के बाद कांग्रेस पार्टी के पास केवल छह पार्षद रह गए हैं. वहीं, बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 16 पहुंच गई है. चुनाव 30 जनवरी को होना है और उच्चतम न्यायालय इसके लिए ऑब्जर्वर नियुक्त कर चुका है. ऑब्जर्वर का नाम उच्चतम न्यायालय अपने ऑर्डर कॉपी में जारी करेगा.
कुलदीप कुमार की मांग पर नियुक्त किया ऑब्जर्वर
वर्तमान मेयर कुलदीप कुमार ने पिछले चुनाव में हुई गड़बड़ी का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय से मांग थी कि मेयर चुनाव की मॉनिटरिंग के लिए उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायधीश को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाए. इस पर सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बोला कि यदि न्यायालय चाहे तो ऑब्जर्वर नियुक्त कर सकता है. इसके बाद उच्चतम न्यायालय की तरफ से ही ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया, जिसके नाम का घोषणा अभी नहीं हुआ है. चंडीगढ़ प्रशासन ने 30 जनवरी को मेयर चुनाव कराए जाने का नोटिफिकेशन जारी किया है.
हाथ उठाकर मतदान के मामले पर सोफत ने बोला कि न्यायालय ने प्रशासन से इस निवेदन पर पुनर्विचार करने को बोला है. चंडीगढ़ प्रशासन ने सात जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर के पदों पर 24 जनवरी को चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 जनवरी थी. अब चुनाव की तारीख 30 जनवरी कर दी गई है.