Jammu News in hindi : जम्मू संभाग में आतंकवादी हमलों का खतरा लिहाल टला नहीं है. यही कारण है कि पिछले एक अरसे के दौरान ताबड़तोड़ आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए जहां पहले चीन सीमा से हटाए गए सैनिकों को वापस बुला कर तैनात किया गया है वहीं अब पक्के तौर पर एनएसजी को भी जम्मू में तैनात करने की कवायद तेज हो गई है. यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में वीडीजी सदस्यों के प्रशिक्षण को भी तेज किया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि बढ़ते हमलों के बीच जम्मू में आतंकवाद निरोधी बल एनएसजी तैनात किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि हाल ही में क्षेत्र में आतंकी हमलों में हुई वृद्धि के मद्देनजर राष्ट्र की आतंकवाद निरोधी इकाई, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का एक विशेष कार्य बल जम्मू में तैनात किया जाएगा.
सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर आतंकवाद निरोधी इकाई बल शहर में तैनात किया जाएगा. सूत्रों ने यह भी कहा कि एनएसजी का विशेष कार्य बल जम्मू शहर में स्थायी रूप से तैनात किया जाएगा ताकि वे किसी भी आपात स्थिति या आतंकी हमले की स्थिति में किसी भी जगह पर पहुंच सकें.
जानकारी के लिए जम्मू क्षेत्र में जम्मू, डोडा, कठुआ, रामबन, रियासी, किश्तवाड़, पुंछ, राजौरी, उधमपुर और सांबा जिले शामिल हैं. इस साल, जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों में गौरतलब वृद्धि देखी गई है, जिसने 10 में से आठ जिलों को प्रभावित किया है, और ऐसी घटनाओं में 44 लोग मारे गए हैं, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी, 14 नागरिक और 13 आतंकी शामिल हैं.
इस बीच इंडियन आर्मी ने गांव रक्षा गार्ड को बुनियादी सुरक्षा तकनीकों और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों में प्रशिक्षण देकर ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा मजबूत करने का जरूरी कदम उठाया है. इस विशेष प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मरक्षा के प्रति सतर्क बनाना और उन्हें इमरजेंसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है.
सेना के इस कोशिश से न सिर्फ़ गांवों की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान करेगा. प्रशिक्षण सत्र के दौरान, सैनिकों ने गार्ड को पर्सनल और सामूहिक सुरक्षा के तरीके, इमरजेंसी परिस्थितियों में ठीक प्रतिक्रि या देने की रणनीतियां और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने की प्रक्रिया सिखाई जा रही है.
इसके अतिरिक्त उन्हें हथियारों की पहचान, प्राथमिक चिकित्सा सहायता, और संकट की घड़ी में कारगर संचार तकनीकों की जानकारी दी गई. सत्र में नकली हमले की परिस्थितियों का अभ्यास कराया गया ताकि गार्ड असली जीवन में सावधान और सक्षम रह सकें.
जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों में इस समय करीब 30,000 वीडीजी तैनात हैं, जो क्षेत्रीय लोगों के योगदान से अपने गांवों में सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. जो पहले विलेज डिफेंस कमेटी के रूप में जाना जाता था, इनका गठन 1990 के दशक में किया गया था. इंडियन आर्मी के इस प्रशिक्षण अभियान ने न सिर्फ़ गांव रक्षा गार्ड के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को सुरक्षा के प्रति और अधिक सतर्क बनाया है.