छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने को लेकर अब डिप्टी मुख्यमंत्री अजित पवार के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने माफी मांगी है. इसके साथ ही सीएम शिंदे ने जल्द से जल्द एक बड़ी मूर्ति बनाने का घोषणा किया है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने हाल ही में मालवन में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने की घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों, संरचनात्मक इंजीनियरों और भारतीय नौसेना और राज्य गवर्नमेंट के ऑफिसरों की एक संयुक्त तकनीकी समिति के गठन का आदेश दिया है. समिति को दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीछे परफेक्ट कारणों का निर्धारण करने और यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा के ढहने के बाद बुधवार को सार्वजनिक माफी जारी की, जिसे पिछले वर्ष बनाया गया था. मराठा योद्धा राजा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए, इस घटना ने राज्य भर में व्यापक चिंता और आलोचना पैदा कर दी है. अजित पवार ने बोला कि ‘शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं, मैं उनकी प्रतिमा ढहने के लिए महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं.
शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र गवर्नमेंट की आलोचना की. ठाकरे ने बोला कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) एक सितंबर को मुंबई में मूर्ति ढहने के विरुद्ध विरोध मार्च निकालेगी. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर पर यह कहने के लिए निशाना साधा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने से कुछ अच्छा हो सकता है. उन्होंने यह भी बोला कि यह दावा करना कि मालवन किले में शिवाजी महाराज की मूर्ति हवा के कारण गिर गई, बेशर्मी की पराकाष्ठा है.
पिछले वर्ष 4 दिसंबर को सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई 17वीं शताब्दी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट की मूर्ति सोमवार दोपहर को ढह गई. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि सिंधुदुर्ग जिले में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण मूर्ति ढह गई थी, जिसके बाद विपक्षी दलों ने काम की खराब गुणवत्ता और मूर्ति के रखरखाव के लिए महाराष्ट्र गवर्नमेंट पर धावा किया.