पॉटरविले: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. चुनाव से पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा घोषणा किया है. ट्रंप ने बोला है कि यदि वह एक बार फिर राष्ट्र के शीर्ष पद पर निर्वाचित होते हैं तो स्त्रियों के लिए आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) पद्धति से गर्भधारण की प्रक्रिया को निःशुल्क बनाएंगे. हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं कहा कि उनकी यह योजना किस तरह से काम करेगी और इसका वित्त पोषण कैसे किया जाएगा.
‘हम अधिक बच्चे चाहते हैं’
मिशिगन में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा, “मैं आज एक अहम घोषणा कर रहा हूं कि ट्रंप प्रशासन के तहत, आपकी गवर्नमेंट या फिर आपकी बीमा कंपनी आईवीएफ पद्धति से जुड़े सभी खर्च का भुगतान करेगी. ठीक अर्थ में कहूं तो यह इसलिए क्योंकि हम अधिक बच्चे चाहते हैं.”
आईवीएफ पद्धति है क्या
आईवीएफ पद्धति के अनुसार शुक्राणु और अंडाणु के बीच निषेचन की प्रक्रिया को प्रयोगशाला में किया जाता है और इससे तैयार भ्रूण को स्त्री के गर्भाशय में प्रतिरोपित किया जाता है. यह पद्धति बहुत महंगी होती है. आईवीएफ पद्धति की कामयाबी की कोई गारंटी भी नहीं होती. मां बनने की इच्छुक कई स्त्रियों को गर्भधारण के लिए एक से अधिक बार इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
निशाने पर ट्रंप
नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब वह सुप्रीम कोर्ट के उन न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर डेमोक्रेटिक नेताओं के निशाने पर हैं, जिन्होंने अमेरिका में स्त्रियों को हासिल गर्भपात के कानूनी अधिकार को समाप्त करने वाला निर्णय सुनाया था. ट्रंप इस मामले पर बचाव की मुद्रा में आ गए हैं और स्वयं को “महिलाओं के प्रजनन अधिकार के मजबूत पैरोकार” के रूप में पेश कर रहे हैं.
यह भी जानें
कार्यक्रम से पहले ‘एनबीसी’ के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने बोला कि वह फ्लोरिडा में गर्भपात के लिए छह हफ्ते की सीमा तय करने के निर्णय के विरुद्ध मतदान करेंगे. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि छह हफ्ते की अवधि बहुत कम है. इसके लिए अधिक समय मिलना चाहिए. मैं इस बात के पक्ष में मतदान करूंगा कि हमें छह हफ्ते से अधिक समय दिए जाने की आवश्यकता है.” ट्रंप ने इससे पहले उक्त कानून पर हस्ताक्षर करने के फ्लोरिडा के रिपब्लिकन गवर्नर रॉन डिसैंटिस के फैसला को “भयानक गलती” करार दिया था. (एपी)