खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह नज्जर की मर्डर को लेकर हिंदुस्तान और कनाडा के बीच राजनायिक घमासान मचा हुआ है. जहां कनाडा के प्रधामंत्री जस्टिन ट्रूडो निज्जर को कनाडाई नागरिक बताकर हिंदुस्तान को घेर रहे हैं तो वहीं कनाडा के एक विपक्षी नेता ने उसे विदेशी आतंकी करार दिया है. पीपल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्नियर ने गुरुवार को बोला कि हरदीप सिंह निज्जर ‘एक विदेशी आतंकी’ था जिसे 2007 में ‘किसी तरह’ नागरिकता प्रदान कर दी गई थी. उन्होंने उभरती हुई विश्व शक्ति बताते हुए ट्रूडो को चेतावनी दी कि हिंदुस्तान से टकराव को सुलझाना चाहिए.
निज्जर कनाडाई नहीं था
बर्नियर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा, “एक मिथक को तोड़ने की आवश्यकता है: इस टकराव के केंद्रीय पात्र, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर, जिसे पिछले वर्ष मारा गया था, एक कनाडाई नहीं था.” बर्नियर ने आगे बोला कि निज्जर ने 1997 में पहली बार फर्जीवाड़ा से शरण लेने की प्रयास की थी, और उसके कई शरण मांगने वाले दावों को अस्वीकार कर दिया गया था, फिर भी उसे राष्ट्र में रहने की अनुमति दी गई और उसे 2007 में नागरिकता भी प्रदान कर दी गई.
उन्होंने इसे एक प्रशासनिक गलती करार देते हुए बोला कि निज्जर को उसी समय निर्वासित कर दिया जाना चाहिए था जब उसका पहला शरण दावा खारिज हुआ था. उन्होंने कहा, “निज्जर कनाडाई नहीं था. हमें शायद उसकी मौत के बाद उसकी नागरिकता वापस लेनी चाहिए ताकि इस प्रशासनिक गलती को ठीक किया जा सके.”
उभरती हुई विश्व शक्ति से संबंध मत खराब करो
बर्नियर ने कनाडा की गवर्नमेंट की शरण नीति की आलोचना करते हुए बोला कि “यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कनाडा ने दशकों से जानबूझकर इन विदेशियों और उनके कबायली संघर्षों को हमारे राष्ट्र में आमंत्रित किया है. हमें इस बड़ी गलती को पहचानना चाहिए और इस मामले पर एक उभरती हुई विश्व शक्ति और एक जरूरी सहयोगी के साथ अपने संबंधों को खतरे में डालने के बजाय निवारण खोजने के लिए हिंदुस्तान गवर्नमेंट के साथ काम करना चाहिए.”
उन्होंने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की भी आलोचना करते हुए इल्जाम लगाया कि ट्रूडो इस संकट का इस्तेमाल अन्य विवादों से ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं. हालांकि, बर्नियर ने बोला कि यदि भारतीय राजनयिकों द्वारा कनाडाई धरती पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम साबित होते हैं, तो उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “अब तक हमें कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, और ट्रूडो साफ रूप से इस संकट का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि अन्य विवादों से ध्यान हट सके.”
भारत ने बृहस्पतिवार को बोला कि कनाडा के साथ मौजूदा कूटनीतिक टकराव ट्रूडो गवर्नमेंट के “निराधार” आरोपों के कारण उत्पन्न हुआ है, तथा नई दिल्ली के विरुद्ध ओटावा के गंभीर आरोपों के समर्थन में “कोई सबूत” साझा नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में बोला कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा सार्वजनिक जांच के दौरान की गयी स्वीकारोक्ति से हिंदुस्तान के विरुद्ध लगाए गए आरोपों का महत्व पता चलता है.