बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर अमेरिका चिंतित है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बांग्लादेश की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और अमेरिका धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र की अंतरिम गवर्नमेंट को जवाबदेह ठहराएगा. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने बोला कि पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद बांग्लादेश में सुरक्षा स्थिति मुश्किल हो गई है. किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बोला कि हम चुनौती से निपटने के लिए उनकी कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सेवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए अंतरिम गवर्नमेंट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
अगस्त में बड़े पैमाने पर गवर्नमेंट विरोधी प्रदर्शन के बाद हसीना को पीएम पद से हटा दिया गया था. बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ्तों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अत्याचार की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमले भी हुए हैं. उन्होंने बोला कि हम सभी बांग्लादेशी नेताओं के साथ अपनी वार्ता में बहुत साफ रहे हैं कि धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एकदम जरूरी है, और अंतरिम गवर्नमेंट के नेताओं ने धर्म या जातीयता की परवाह किए बिना सभी बांग्लादेशियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बार-बार प्रतिबद्धता जताई है. किर्बी ने एक प्रश्न के उत्तर में बोला कि हम उन्हें उसी पर कायम रखना चाहते हैं. पिछले कुछ हफ्तों में, भारतीय अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस के सामने, शिकागो, न्यूयॉर्क, एसएफओ, डेट्रॉइट, ह्यूस्टन और अटलांटा सहित कई शहरों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और मार्च आयोजित किए हैं, जिसमें बाइडेन से अल्पसंख्यक के विरुद्ध कथित क्रूरता को रोकने में सहायता करने का आग्रह किया गया है.
इससे पहले दिन में, भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने राज्य सचिव के पद के लिए सीनेटर मार्को रुबियो की पुष्टि की सुनवाई के दौरान सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्यों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, मुख्य रूप से हिंदुओं के विरुद्ध अत्याचार के मामले को संबोधित करने का आग्रह किया.