पपीता एक ऐसा फल है जिसे ज्यादा लोग खाना पसंद करते हैं। कोई इसे खाली पेट खाना पसंद करता हैं तो कोई इसे सलाद के रुप में खाना पसंद करता है। आसानी से पचने वाला पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। पपीते में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। पपीते के पत्तों के रस का उपयोग डेंगू बुखार से लड़ने और प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। लेकिन इस फल के जितने फायदें है उतने नुकसान भी है। प्रेग्नेंसी के जोखिम से लेकर फूड पाइप में बाधा डालने तक, यहाँ पपीते के कुछ डॉस और डॉनट्स हैं।
पपीता जन्म दोष का कारण बन सकता है:
पपीते के पत्तों में पपैन नामक एक घटक होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के लिए विषाक्त हो सकता है। यह जन्म दोषों का कारण बन सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में कुछ समय के लिए पपीता खाने से बचना सबसे अच्छा रहेगा।
पपीता एलर्जी का कारण बन सकता है:
कच्चा पपीता कुछ लोगों के लिए एलर्जी का कारण बन सकता है। संवेदनशील लोगों को कच्चे पपीते का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
अत्याधिक पपीते का सेवन नहीं करें:
पपीता के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह खाने में स्वादिष्ट है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसका बहुत अधिक सेवन करते हैं। बहुत अधिक पपीता खाने से फूड पाइप को चोट पहुंच सकती है।
गर्भपात का खतरा:
पपीते के बीज और उसकी जड़ गर्भपात का कारण बन सकती हैं। कच्चा पपीता गर्भाशय को संकुचित कर सकता है। इस प्रकार गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने से बचना सबसे अच्छा है।
ब्लड शुगर को कम करता है:
यदि आप शुगर के पेशेंट है तो पपीते का ज्यादा सेवन आपके लिए खतरनाक हो सकता है। बहुत अधिक पपीते का सेवन करने से आपके रक्त में शर्करा के स्तर में गिरावट आ सकती है, जो खतरनाक हो सकता है।
प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है:
पपीते के बीज का अर्क पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम कर सकता है। यह स्पर्म की संख्या को कम कर सकता है। इतना ही नहीं स्पर्म की गतिशीलता को भी प्रभावित कर सकता है।
विषाक्तता को बढ़ा सकता है:
पपीते में मौजूद यौगिक बेंजिल आइसोथियोसाइनेट के कारण विषाक्तता हो सकती है।