प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के अनुसार दिल्ली के हिंदुस्तान मंडपम में फ्लेवर्स ऑफ इण्डिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सहायता से एसआरएस फाउंडेशन ने सोमवार (16 दिसंबर) को इस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, सांसद बांसुरी स्वराज, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कई नेता पहुंचे. इण्डिया टीवी के एडिटर इन चीफ और चेयरमैन रजत शर्मा भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के बीच संगीतकार अयान अली खान को सम्मानित किया गया.
फ्लेवर्स ऑफ इण्डिया कॉन्क्लेव में भारतीय संस्कृति, खान-पान और टिकाऊ प्रथाओं का अनोखा सामंजस्य देखने को मिला. इस कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र के भिन्न-भिन्न हिस्सों में बनने वाले व्यंजनों के बारे में सभी को जानने को मिला. इसके साथ ही क्षेत्रीय चीजों को बड़ा मंच मिला, जिससे उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी.
बाजरे पर जोर
इस कार्यक्रम में बाजरे पर काफी चर्चा हुई. पौष्टिक और पर्यावरण के अनुसार खाद्य विकल्प के रूप में बाजरे पर बल दिया गया. बाजरे से मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हुए इसे मुख्य खाद्य पदार्थ के रूप में दैनिक आहार और ग्लोबल मार्केट्स में फिर से शामिल करने की बात कही गई. रणवीर बरार और हरपाल एस। सोखी सहित मशहूर शेफ ने क्षेत्रीय भारतीय व्यंजनों पर आधारित नए व्यंजन पेश किए, जिनमें पारंपरिक ढंग और नयी तकनीक का मेल था. इस प्रोग्राम में पारंपरिक शिल्पों की प्रदर्शनी भी हुई, जिससे कारीगरों, सांस्कृतिक व्यवसायियों और खाद्य उद्योग के बीच संबंधों को बढ़ावा मिला.
स्थानीय खान-पान को बढ़ावा
फ्लेवर्स ऑफ इण्डिया कार्यक्रम बदलते समय के हिसाब से खान-पान में परिवर्तन और लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर बल देता है. इसके जरिए क्षेत्रीय व्यंजन, पाक कला और अन्य क्षेत्रीय चीजों को बढ़ावा मिलता है. इसके साथ ही बदलते समय के साथ लोगों के खान-पान की जरूरतें पूरी करने के लिए नए निवारण भी मिलते हैं. इससे कलाकारों और बिजनेसमैन के बीच एक संपर्क स्थापित होता है, जो दोनों के लिए लाभ वाला होता है. यह मंच लोगों की बदलती जरूरतों के हिसाब से खान-पान की दुकानों और व्यवसाय में परिवर्तन के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करता है.